जानिये ओम प्रकाश राजभर की पार्टी लखनऊ समेत किन सीटों पर लड़ेगी मेयर का चुनाव

यूपी निकाय चुनाव को लेकर सुभासपा कल पहले चरण के प्रत्याशियों की सूची जारी करेगी. सुभासपा लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर, गाजियाबाद में महापौर का भी चुनाव लड़ेगी. इसके अलावा कुछ अन्य नगर निगम में भी महापौर प्रत्याशी उतारेगी. सुभासपा की लखनऊ में कश्यप बिरादरी से महिला कैंडिडेट को महापौर प्रत्याशी बनाने की तैयारी है जिसका ऐलान कल होगा. सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (OM Prakash Rajbhar) कल सुबह 10 बजे निकाय चुनाव के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करेंगे. इस अवसर पर विभिन्न दलों के कई नेता भी कल सुभासपा में शामिल होंगे. सुभासपा स्थानीय निकाय चुनाव अकेले दम पर लड़ेगी.

ओम प्रकाश राजभर ने बताया कि सभी जिले से सूची मंगाई जा रही है. अब तक 4 मेयर, 180 नगर पंचायत, करीब 20 नगर पालिका और 400 से अधिक पार्षदों की सूची आई है. कल सुबह 10 बजे पहले चरण की सूची जारी की जाएगी. तब तक ये संख्या बढ़ सकती है. ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि हम विचारों की लड़ाई लड़ते हैं, जो स्थानीय मुद्दे होते, जो आम पब्लिक की समस्या है उसे लेकर जनता के बीच में हैं और जब ऐसे मुद्दे आते तो उसमें जाति खत्म हो जाती है. सुभासपा अपनी एक अलग पहचान बना चुकी है, मेहनत के बल पर संगठन तैयार कर रखा है, हमारे लोग मजबूती से लड़ाई लड़ेंगे.

राजभर ने कहा कि 2017 के चुनाव में सुभासपा 7 नगर पंचायत जीती थी और 11 पंचायत बहुत कम वोट से हारे थे. वह भी तब जबकि हमें लोग जानते तक नही थे. अब तो पूरे प्रदेश नहीं देश में हमें लोग जान चुके हैं, हमारी पार्टी की विचारधारा को लोग जान चुके हैं. कल तक जहां हमारे पास लाखों समर्थक थे आज करोड़ों समर्थक जुड़ चुके हैं. ओम प्रकाश राजभर ने कहा की सपा और बसपा दगे हुए कारतूस हैं. चार-चार बार सत्ता में रहकर उन्होंने क्या किया पूरा प्रदेश जानता है. इन्होंने जिन जातियों को धोखा दिया है वह इनके साथ कैसे जाएंगे. 4 दिन पहले सपा मुखिया का बयान सुना कि वह बूथ का संगठन बनाएंगे इसका मतलब उनका संगठन नहीं है तो कैसे लड़ेंगे. मायावती का बयान आया कि महिलाओं के दम पर लड़ेंगे, महिलाओं के बीच जाएंगे. जबकि ओम प्रकाश राजभर ने सावधान रथ यात्रा पहले ही करी, महिला हक अधिकार रैली पहले ही कर दी.

लखनऊ में लाखों वोट मुसलमान का भाजपा को मिलता है- राजभर

ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि प्रदेश में अल्पसंख्यकों का वोट करीब 20 फ़ीसदी है. इस को बहका कर डर दिखाकर कांग्रेस, बसपा, सपा तीनों ने एक-एक कर अपने साथ रखा. आजादी के बाद नौकरियों में मुसलमान 38 फ़ीसदी था. लेकिन इन तीनों ने इनका हिस्सा इतना लूटा कि 1 फ़ीसदी से कम बचे. जब यादव जी पर मुकदमा हो तो राम गोपाल यादव जाकर मुख्यमंत्री से मिल लेते हैं, लेकिन जब मुसलमान फंसता तो राम गोपाल नहीं जाएंगे. मुसलमान भी समझ चुका कि उसका हित कहां और अहित कहां. इसीलिए मुसलमान सोच रहा कि जिस का भय दिखाया जा रहा जैसे भाजपा का तो अगर उन्हीं के साथ हो जाए तो डर किस बात का. इसी बात से सपा, बसपा, कांग्रेस को डर सता रहा कि मुसलमान ने साथ छोड़ दिया तो क्या होगा. वैसे भी मुसलमान को भाजपा के साथ क्या एलर्जी है. लखनऊ में पहले ही लाखों वोट मुसलमान का भाजपा को मिलता है, पूरे प्रदेश में मिलता है, धीरे-धीरे संख्या बढ़ती जा रही है.

निकाय चुनाव की तैयारी को लेकर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि फील्ड में हमारे लोगों ने वोटर तैयार कर लिए हैं. बूथ पर कौन एजेंट होगा, कौन क्या काम करेगा, कौन गांव से बूथ तक लाएगा सब तय है. 1-1 बूथ पर 4-4 टीमें तैनात की हैं और सब की ट्रेनिंग भी कर दी है. बड़ी संख्या में हमारे पास आवेदन आ रहे हैं. हम पहले ही सबके बीच में जाकर मुद्दों पर बात कर चुके हैं. हम गांव-गांव, नगर-नगर चौपाल लगाकर काम कर रहे. हम बूथ और सेक्टर स्तर पर अपनी कमेटी बना चुके हैं.

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