Kisan Andolan: किसानों ने की UP चुनाव में BJP को घेरने की तैयारी, राकेश टिकैत ने भाजपा से पूछे ये सवाल

नई दिल्ली. कृषि कानूनों (New Farm Laws) विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानो ने बीजेपी को घेरने की नई रणनीति बनाई है. किसान नेता राकेश टिकैत ने एक अभियान को शुरू करते हुए बीजेपी और संघ से 10 सवाल पूछे हैं. टिकैत ने ऐलान किया है कि बीजेपी (BJP) नेता जब गांव में आये तो उनसे ये सवाल पूछे. टिकैत का ये अभियान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि साल 2022 के शुरुआत में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) होने हैं. लिहाजा टिकैत समेत किसान नेताओं की रणनीति है बीजेपी को पश्चिमी यूपी में घेरा जाए. अगर किसानों का मुद्दा चुनाव में हावी रहा तो सत्ताधारी बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है.

आपको बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के विरोध में किसान नेता धरने पर बैठे है. पिछले साल नवंबर महीने से शुरू हुआ ये धरना अब तक जारी है. सिंघू, टिकरी और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर लगातार किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. सरकार से कई दौर की बातचीत हुई लेकिन सभी विफल रही. देखना महत्वपूर्ण होगा कि टिकैत का ये अभियान कितना सफल हो पाता है.

ये हैं 10 सवाल

छह माह से दिल्ली के चारों ओर अपनी जायज मांगों को लेकर धरने पर बैठे किसानों के लिए आप और आपके जनप्रतिनिधि उनकी आवाज क्यों नहीं बने?
कोरोना काल में आम जनता ने दवाई और ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ा, संयुक्त किसान मोर्चा ने ऑक्सीजन बैंक खोले, दवाईयां बंटवाईं, लोगों को अस्पताल पहुंचाया, ऐसे वक्त आप कहां थे?
कोरोना काल में कॉरपोरेट की तर्ज पर किसानों के ऋण माफ क्यों नहीं हुए, किसानों को आर्थिक पैकेज क्यों नहीं दिया गया. सब्सिडी कंपनियों के बजाय सीधे किसानों को क्यों नहीं दी गई?
किसानों की आय 2022 तक दोगनी करने के वायदे का क्या हुआ, कृषि आयोग का गठन अब तक क्यों नहीं हुआ?
गन्ना किसानों का वायदे के मुताबिक 14 दिनों में भुगतान क्यों नहीं किया गया अथवा उसके बाद ब्याज क्यों नहीं मिला. चार साल में यूपी में गन्ने पर एक भी रुपया क्यों नहीं बढ़ाया गया?
स्वामीनाथन आयोग के अनुसार किसानों को कृषि उपज का दाम क्यों नहीं मिला, सी2 प्लस 50 फार्मूले पर अमल क्यों नहीं किया गया?8
कृषि न्यायालय की स्थापना क्यों नहीं हुई, किसान आत्महत्याओं पर श्वेत पत्र जारी क्यों नहीं हुआ?\
मनरेगा में 200 दिनों का रोजगार देने का वायदा क्या हुआ, प्रत्येक गांव में स्कूल और अस्पताल के वादे का क्या हुआ?
किसानों के लिए बिजली का निजीकरण क्यों किया जा रहा? इससे किसान ही नहीं, दो पशु रखने वाले मजदूर तक की जीविका खतरे में पड़ेगी.
कोरोना काल में अनाथ हुए किसानों के बच्चों की शिक्षा और रोजगार की व्यवस्था के लिए क्या किया? कोरोना के शिकार किसान परिवार को मुआवजा दिलाने के लिए क्या किया?

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