घूंघट में दुल्हन, मंच पर खान सर: क्यों पल्लू से छिपाया चेहरा ? क्या सर ने स्टूडेंट से की शादी ? ये हैं जवाब

2 जून को पटना में आयोजित हुआ खान सर का रिसेप्शन न सिर्फ एक शाही आयोजन था, बल्कि मीडिया और सोशल मीडिया दोनों के लिए कंटेंट से भरा ‘करंट अफेयर’ भी बन गया। भारत के मशहूर यूट्यूबर और शिक्षक खान सर ने जब अपनी पत्नी AS खान के साथ मंच साझा किया तो सभी की नजरें एक ही जगह टिकीं — घूंघट में ढंकी हुई दुल्हन।
घूंघट पर सोशल मीडिया बहस: “इतना पढ़ा-लिखा आदमी और ये?”
रिसेप्शन के बाद इंटरनेट दो हिस्सों में बंट गया। एक तरफ जहां लोग खान सर को बधाई दे रहे थे, वहीं कुछ यूज़र्स ने सवाल उठाया:
“एक शिक्षक होकर भी घूंघट जैसी परंपरा को बढ़ावा देना क्या सही है?”
ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब शॉर्ट्स पर कई लोगों ने इस बात पर चर्चा की कि खान सर जैसा एजुकेटेड और प्रगतिशील व्यक्ति यदि अपनी पत्नी को पूरी तरह घूंघट में रखता है, तो ये समाज में क्या संदेश देता है?
तो क्या खान सर ने अपनी स्टूडेंट से शादी की है?
एक और अफवाह जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई — “क्या खान सर ने अपनी स्टूडेंट से ही शादी कर ली?”
इस सवाल का जवाब भी अब सामने आ चुका है और वो है: “नहीं!”
AS खान, जो अब खान सर की पत्नी हैं, न तो उनकी स्टूडेंट थीं और न ही किसी कोचिंग संस्थान से जुड़ी थीं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह बिहार के सिवान जिले की रहने वाली हैं, ICSE बोर्ड से पढ़ाई की है और सरकारी सेवा में कार्यरत हैं।
खान सर ने खुद क्या कहा?
एक इंटरव्यू में जब खान सर से पूछा गया कि उन्होंने शादी का रिसेप्शन इतने समय बाद क्यों किया, तो उन्होंने मज़ाकिया लहजे में जवाब दिया —
“तेजस्वी यादव जी से आइडिया लिया था, उन्होंने भी सीक्रेट वेडिंग की थी।”
हालांकि, घूंघट पर अभी तक खान सर की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन उनके न बोलने का अंदाज़ भी कुछ कह जाता है — शायद ये उनकी और उनकी पत्नी की व्यक्तिगत पसंद हो!
रिसेप्शन में दिखा पारिवारिक सादगी और शालीनता
AS खान ने पूरे रिसेप्शन के दौरान पारंपरिक लाल जोड़े में और चेहरे पर घूंघट ओढ़े मंच पर एंट्री की। दोनों ने एक-दूसरे का हाथ थामकर स्टेज तक पहुंच बनाई।
इस दृश्य ने जहां कुछ को ‘ओल्ड स्कूल रोमांस’ का एहसास कराया, वहीं कुछ ने इसे महिलाओं की ‘एजेंसी’ से जोड़कर गंभीर विमर्श में घसीट लिया।
छात्रों के लिए होगा खास भोज – ‘खान सर के अंदाज़ में’
खान सर ने यह भी ऐलान किया है कि वे 6 जून को अपने छात्रों के लिए खास भोज का आयोजन करेंगे — अलग-अलग दिनों पर लड़के और लड़कियों के लिए।
“ताकि भीड़ न हो और कोई असुविधा न हो।”
घूंघट बनाम प्रगतिशीलता – कौन तय करेगा आधुनिकता की परिभाषा?
ये सच है कि खान सर एक शिक्षक हैं, लेकिन वह एक इंसान भी हैं। घूंघट प्रथा पर बहस जायज़ हो सकती है, लेकिन यह निर्णय भी निजी पसंद पर आधारित है।
कुछ लोग इसे ‘संस्कार’ कह रहे हैं, तो कुछ इसे ‘रिग्रेशन’। शायद जवाब इतना सरल नहीं है — और शायद ज़रूरी भी नहीं।
शिक्षा, शादी और सोशल मीडिया का संगम
खान सर की शादी, रिसेप्शन और घूंघट की यह कहानी बताती है कि अब निजी समारोह भी सोशल मीडिया की अदालत में खड़े होते हैं।
जहां शादी की बधाइयों के बीच कुछ ताने भी मिलते हैं, वहीं यह भी दिखता है कि समाज अब हर छवि के पीछे की सोच जानना चाहता है।
और हाँ, अफवाहों पर विराम लगाएं — खान सर ने अपनी स्टूडेंट से नहीं, एक सरकारी अफसर से शादी की है।