केजरीवाल सरकार प्‍लास्‍टि‍क के ख‍िलाफ चलाएगी ड्राइव, तैयार क‍िया ये एक्‍शन प्‍लान

नई दिल्ली.द‍िल्‍ली में स‍िंगल यूज प्‍लास्‍ट‍िक (Single use Plastic) के प्रयोग के ख‍िलाफ अभी तक स‍िव‍िक एजेंसियां अभियान चलाती रही हैं. लेक‍िन अब दिल्‍ली सरकार (Delhi Government) ने भी इसको लेकर बड़ा अभियान चलाने का फैसला क‍िया है. द‍िल्‍ली प्रदूषण न‍ियंत्रण सम‍ित‍ि (Delhi Pollution Control Committee) की ओर से एक एक्‍शन प्‍लान भी तैयार क‍िया गया है. सरकार इसको लेकर स्‍पेशल टास्‍क फोर्स भी गठ‍ित करेगी जोकि उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए शिकंजा कसेगी.

इस बीच देखा जाए तो केंद्र सरकार (Central Government) ने 1 जुलाई, 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही 1 जुलाई, 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादों जैसे प्लेट, स्ट्रा और ट्रे जैसे वस्तुओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. प्रतिबंध लगने के बाद अब ना तो इन उत्पादों की बिक्री की जा सकेगी और ना ही इसका उपयोग किया जा सकेगा. इस संबंध में सप्ताहभर पहले शुक्रवार को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से अधिसूचना (Notification) भी जारी कर की गई.

इस अधिसूचना में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के अलावा मोदी सरकार (Modi Government) ने पॉलीथिन बैग की मोटाई 50 माइक्रोन से बढ़ाकर 120 माइक्रोन तक कर दी है. अधिसूचना के अनुसार प्लास्टिक बैग की मोटाई 30 सितंबर, 2021 से 50 माइक्रॉन से बढ़ाकर 75 माइक्रॉन की जाएगी और 31 दिसंबर, 2022 से यह मोटाई 120 माइक्रॉन होगी. हालांकि कम्पोस्टेबल प्लास्टिक बैग पर मोटाई की कोई सीमा तय नहीं की गई है. लेकिन इसकी बिक्री करने से पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) से एक सर्टिफिकेट लेना होगा.

सिंगल यूज प्लास्टिक के कारण हो रहे पर्यावरणीय नुकसान की वजह से केंद्र सरकार (Central Government) ने यह कदम उठाया है. केंद्र सरकार के इस फैसले से सभी तरह के सिंगल प्लास्टिक यूज के उत्पादों पर रोक लग जाएगी. इसमें कप, ग्लास, कांटे, चम्मच, थर्मोकॉल समेत प्लास्टिक स्टिक समेत कई उत्पाद शामिल हैं. सिंगल यूज प्लास्टिक को तीन चरणों में बैन किया जाएगा. पहले चरण की शुरुआत 30 सितंबर, दूसरे की जनवरी, 2022 और तीसरे चरण की शुरुआत जुलाई, 2022 से होगी.

केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना के बाद अब दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने भी इसको लेकर पूरी तरह से कमर कस ली है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) की ओर से सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने के लिए पूरा एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है. इस एक्शन प्लान के तहत ही एनफोर्समेंट ड्राइव चलाया जाएगा.

डीपीसीसी के अधिकारियों के मुताबिक जो एक्शन प्लान तैयार किया गया है, उसके तहत धार्मिक और सामाजिक समारोह पर पूरी नजर रखी जाएगी. यहां लोगों के एकत्र होने पर प्लास्टिक का उपयोग ज्यादा किया जाता है. उस पर समिति पैनी नजर रखेगी.  समिति ने इसके लिए राज्य स्तरीय स्पेशल टास्क फोर्स (State Level STF) और जिला स्तरीय टास्क फोर्स (District Level STF) भी गठित करने का निर्णय लिया है.

समिति की ओर से राजधानी दिल्ली के तमाम जगहों से हर रोज का आंकड़ा भी मंगाया जाएगा कि शहर में कुल कितना प्लास्टिक कचरे का उत्पादन हो रहा है. इस तरह से सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग की सटीक जानकारी मिल सकेगी. वहीं इसके बाद सिंगल यूज प्लास्टिक यूनिट्स को बंद कराने में बड़ी आसानी हो सकेगी.

समिति की ओर से जो एक्शन प्लान सिंगल यूज प्लास्टिक की रोकथाम के लिए तैयार किया गया है, उसमें प्लास्टिक रीसाइक्लिंग व्यवस्था भी तैयार की जाएगी. इन सभी जगह पर अन्य प्रकार के आइटम की बिक्री को भी प्रोत्साहित किया जाएगा. पैकेजिंग के लिए किस वस्तु द्वारा प्लास्टिक का स्थान लिया जा सकता है. इस पर भी अभी मंथन, विचार और रिसर्च की जा रही है.

NCC और NCC  के कैडेट्स को भी जोड़ने का प्लान
दिलचस्प बात यह है कि डीपीसीसी ने इस अभियान में एनसीसी (NCC) और एनएसएस (NCC)  के कैडेट्स को भी जोड़ने का प्लान बनाया है. समिति एनसीसी और एनएसएस के प्रतिभागी युवाओं को भी इसमें शामिल करेगी.

 

केंद्र सरकार की अधिसूचना जारी होने के बाद डीपीसी ने औद्योगिक इंडस्ट्रियल यूनिट्स (Industrial Units) को भी कारण बताओ नोटिस भेजना शुरू कर दिया है जो कि नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। इस तरह के नोटिस वायु ( प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 21 /22 के तहत जारी किए गए हैं.

नियमों का पालन नहीं करने पर डीपीसीसी ने पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र की 203 यूनिट्स को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं. साथ ही नोटिस जारी करते हुए यह भी इन यूनिट से पूछा है कि क्यों ने यूनिट को क्यों ने बंद कर दिया जाए?

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