फाइज़र और मॉडर्ना का वैक्‍सीन देने से इनकार, केजरीवाल ने केंद्र से लगाई गुहार

नई दिल्‍ली. देश की राष्‍ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस की रफ्तार धीमी होने के साथ इस महामारी से जान गंवाने वालों के आंकड़ों में भारी कमी देखने को मिली रही है. हालांकि इस समय सरकार वैक्‍सीन की कमी से जूझ रही है और इस वजह से कई सेंटर बंद हो गए हैं. वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) वैक्‍सीन के लिए हर तरफ हाथ पैर मार रहे हैं. इस बीच उन्‍होंने कहा कि हमारी मॉडर्ना और फाइजर ( Moderna and Pfizer)  से बात हुई, वो कहते हैं कि हम आपको वैक्सीन नहीं देंगे, हम केंद्र सरकार से बात करेंगे. हम पहले ही काफी समय गंवा चुके हैं.  मेरी केंद्र सरकार से अपील है​ कि वह इनसे बात करके वैक्सीन आयात करे और राज्यों में बांटे. वहीं, सीएम ने कहा कि अब दिल्‍ली में 45+ की कोवाक्सीन भी खत्म हो गयी है.

बता दें कि रविवार को दिल्‍ली में एक और हफ्ते के लिए लॉकडाउन बढ़ाने के ऐलान के दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि हमने कोरोना पर काबू पा लिया है और ऑक्‍सीजन का संकट भी खत्‍म हो चुका है, जिसमें केंद्र सरकार ने बहुत मदद की है. इसके साथ उन्‍होंने कहा था कि इस समय दिल्‍ली वैक्‍सीन की कमी से जूझ रही है और इस समस्‍या का निदान केंद्र सरकार को जल्‍द से जल्‍द करना चाहिए. हालांकि हम भी विदेश से वैक्‍सीन आयात करने का प्रयास कर रहे हैं.

ब्लैक फंगस को लेकर कही ये बात
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ब्लैक फंगस को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. उन्‍होंने कहा कि हमने ब्लैक फंगस के लिए अपने सेंटर बना दिए हैं, लेकिन दवाई नहीं है तो इलाज कैसे करें? दिल्ली को रोज 2000 इंजेक्शन चाहिए, लेकिन हमें 400-500 इंजेक्शन मिल रहे हैं. दिल्ली में ब्लैक फंगस के करीब 500 मरीज हैं.
केंद्र सरकार की वजह युवाओं नहीं लग रही वैक्‍सीन: सिसोदिया

दिल्‍ली के उपमुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन सबसे कारगर और अंतिम उपाय है. दुनिया के तमाम देश इस मुहिम पर लगे हैं. जबकि हमने दिल्‍ली में 400 सेंटर युवाओं और 650 सेंटर 45 साल से अधिक के लिए बनाए गए थे, लेकिन केंद्र सरकार की बदइंतजामी की वजह दिल्लीवारियों को वैक्सीन नहीं लग पा रही है. इसके अलावा देश के कई जिलों में भी वैक्सीनेशन का काम शुरू भी नहीं किया जा सका है. वैक्सीन की कमी के लिए सिर्फ केंद्र सरकार जिम्मेदार है.वैक्सीन का प्रबंधन करने में केंद्र सरकार पूरी तरह विफल है.

इसके अलावा उन्‍होंने कहा कि मॉडर्ना,फाइज़र और जॉनसन एंड जॉनसन कंपनियों से जब दिल्ली सरकार ने बात की तो मॉडर्ना और फाइजर ने कहा कि वे सिर्फ भारत सरकार के साथ ही डील करेंगे. देश की दो वैक्सीन कंपनियों से जब राज्य सरकार बात करती है तो वे कहते है कि केंद्र सरकार के जरिए ही वैक्सीन देंगे. केंद्र सरकार ने राज्यों में वैक्सीन देने में कैप लगा देती है.

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