कटिहार : पॉश मशीन का हवाला देकर दाल का हुआ घोटाला, डीएफएससी ने दिए जांच के आदेश

पॉश मशीन की पेचीदगी की हवाला देकर जन वितरण प्रणाली के दुकानदार कर रहे हैं दाल घोटाला, पिछले 3 महीने से लाभुकों को सरकार द्वारा दिए जा रहे दाल परन्तु
लाभुकों को नहीं मिल रहा है। मगर कागजों और सरकारी एप्स में इसकी एंट्री हो गई है। कटिहार प्रखंड के 22 डीलरों पर सैकड़ों लोग दाल घोटाले का लगा रहे हैं आरोप इसके साथ केंद्र सरकार ने कई महीना पहले ही हर राशन कार्ड धारी को जन वितरण प्रणाली के दुकान के माध्यम से हर महीने गेहूं और चावल के साथ-साथ दाल देने का भी नियम जारी किया था। इसमें दो तरह की व्यवस्था की गई थी कुछ लोगों से दाल के लिए सामान्य रूप से निर्धारित कुछ रुपया देना पड़ेगा और जब कि अधिकतर लोगों को फ्री में जन वितरण प्रणाली के माध्यम से ही दाल मिलेगा लेकिन कटिहार प्रखंड के सिरनिया पश्चिम के लोगों को पिछले 3 महीने से दाल मिला ही नहीं है।
लाभुक भागवत पासवान, प्रमिला देवी,राजकिशोर शाह ,उर्मिला देवी ,नरेश पासवान दर्जनों लोगों का आरोप है। उनके डीलर जो तय राशि ₹170 और ₹50 जिसमें दो अलग-अलग कैटेगरी के लोग हैं। ले तो लेते हैं ,मगर गेहूं और चावल के साथ दाल नहीं देते हैं, लोगों को इसके लिए दाल नहीं मिलने की कोई स्लिप भी नहीं दिया जाता है। डीलर द्वारा कहा यह जाता है अगर पॉश मशीन के माध्यम से सभी चीजों का एंट्री नहीं होगा और लाभुक अगर अपनी उंगली का निशान नहीं देंगे तो अन्य चीज भी नहीं मिल पाएगा, इसी के कारण लाभुकों के नाम पर तीनों चीजों की एंट्री तो होता है मगर दाल नहीं मिल पा रहा है। ऐसा सिर्फ कटिहार प्रखंड के किसी एक डीलर के पास नहीं बल्कि 22 डीलर से जुड़ी सैकड़ो लोगों की एक ही शिकायत है। अब जन वितरण प्रणाली के दुकानदार इसका लाभ लेते हुए पहले तो डटकर दाल लाभुकों को दे देने की बात कहते हैं मगर फिर अपने आप को लोगों की भाड़ी शिकायत के बाद फंसता देख डीलर श्याम आनंद आजाद,लक्ष्मी प्रसाद शाह कहते हैं की मौखिक रूप से लोगों को बैकलॉग की दाल नहीं मिलने की सूचना देते हुए दाल सरकारी स्तर पर उन लोगों तक आवंटन होने पर देने की बात कह दी गई है लेकिन लाभुकों को आखिर दाल नही मिलने की कोई लिखित रशीद क्यों नहीं दी गई है और ऐसा करना है गलत है के सवाल पर डीलर अपनी गलती मानते हुए आगे से ऐसा नहीं करने की आश्वासन देते हुए,पूरा गलती के लिए पॉश तकनीक को ही जिम्मेदार ठहरा रहे है।

जन वितरण प्रणाली के दुकानदार किस तरह से लाभुकों को पॉश मशीन की तकनीक के नाम पर ठगी का शिकार बना रहे हैं इसकी खुलासा के लिए राज्य खाद्य निगम के जिला सहायक प्रबंधक राजेश कुमार गुप्ता ने कहा की बाढ़ और बरसात के कारण जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों तक माल पहुंचने में कुछ देरी जरूर हुई है लेकिन हर महीना में अन्य सामानों के साथ दाल जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों को दिया गया है। कोई माल ड्यू है ही नहीं ऐसे में जो बैकलॉग का हवाला डीलरों के द्वारा दिया जा रहा है वह सरासर झूठ है,अब लाभुकों तक वह माल क्यों नहीं दिए है इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
सरकार द्वारा गरीबों की हित के लिए अक्सर कई कल्याणकारी योजनाएं चलाया जाता है लेकिन इसे सिस्टम का दोष कहे या साजिश की आम लोगों के लिए लाभकारी साबित होने से पहले ही यह योजनाएं किसी न किसी तरीके से घोटाले की भेंट चढ़ जाती है, कटिहार के दाल घोटाले की आहट से तो कुछ ऐसा ही लगता है।

रिपोर्टर – असदुर रहमान

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