कांशीराम की पुण्यतिथि आज, BSP प्रमुख मायावती आज करेंगी 2022 का चुनावी शंखनाद

लखनऊ. यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से ठीक पहले प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है. सभी सियासी दल अलग-अलग जातियों साधने में जुटे हैं. बसपा के संस्थापक कांशीराम की 15वीं पुण्यतिथि के मौके पर बसपा प्रमुख मायावती और पूर्व मुख्यमंत्री (Mayawati) ने राजधानी लखनऊ में शनिवार को श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया है. माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले बसपा यह दिखाना चाहती है कि उसका जनाधार कम नहीं हुआ है और अब भी सबसे ज्यादा भीड़ इकट्ठा करने की क्षमता उसके ही पास है. इसके जरिए पार्टी विपक्षी दलों के साथ ही दलितों को भी यह संदेश देगी कि बसपा सभी वर्गों को साथ लेकर जरूर चल रही है, लेकिन अपने कोर दलितों वोटर पर सबसे ज्यादा भरोसा है.

इसमें 4 लाख लोगों के आने का अनुमान है. ज्यादातर कार्यकर्ता एक दिन पहले ही लखनऊ पहुंच जाएंगे. हालांकि मायावती ने इस कार्यक्रम से पहले यह भी साफ कर दिया था कि सभी कार्यकर्ता कोविड गाइडलाइंस का पालन करें और मास्क जरूर लगाकर आएं. माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले बसपा यह दिखाना चाहती है कि उसका जनाधार कम नहीं हुआ है और अब भी सबसे ज्यादा भीड़ इकट्ठा करने की क्षमता उसके ही पास है. इसके जरिए पार्टी विपक्षी दलों के साथ ही दलितों को भी यह संदेश देगी कि बसपा सभी वर्गों को साथ लेकर जरूर चल रही है, लेकिन अपने कोर दलितों वोटर पर सबसे ज्यादा भरोसा है.

इससे पहले उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज को बहुजन समाज पार्टी की तरफ आकर्षित करने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के आयोजन किया था. जिसकी शुरुआत बीएसपी ने रामनगरी अयोध्या से की थी. बता दें कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कुल 403 सीटें में से बसपा महज 19 सीटें जीतने में सफल रही थी. मायावती ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में बसपा के 9 विधायक पहले से निलंबित चल रहे हैं. इन दो विधायकों के पार्टी से निष्काषन के बाद पार्टी के अब तक निष्कासित विधायकों की संख्या 11 पहुंच गई है और एक सीट उपचुनाव में गवां चुकी हैं. इस तरह से अब केवल 7 विधायक ही पार्टी में बचे हैं.

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