योगी की पुलिस के खिलाफ धरने पर योगी की राज्यमंत्री ! BJP कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे का आरोप

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला गुरुवार को उस वक्त सुर्खियों में आ गईं जब उन्होंने कानपुर देहात के अकबरपुर थाना परिसर में सैकड़ों समर्थकों के साथ धरना शुरू कर दिया। मंत्री का आरोप था कि थाना प्रभारी ने BJP कार्यकर्ताओं पर SC-ST एक्ट के तहत झूठा और फर्जी मुकदमा दर्ज किया, जिसकी वजह से उन्होंने इंस्पेक्टर को हटाने की मांग करते हुए खुद थाने के बाहर बैठने का फैसला लिया।
थाने में फर्जी मुकदमा? मंत्री का सीधा आरोप
राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने थाने में मौजूद पुलिस अधिकारियों और मीडिया से बातचीत में कहा कि, “इंस्पेक्टर सतीश सिंह ने बिना किसी जांच के हमारे कार्यकर्ताओं पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। जब तक उन्हें हटाया नहीं जाएगा और मुकदमा वापस नहीं लिया जाएगा, मैं धरने से नहीं उठूंगी।”
डीजीपी तक पहुंची शिकायत, नहीं मानी मंत्री
थाना परिसर में घंटों तक चले इस धरने के बीच कई पुलिस अधिकारी और सीओ उन्हें समझाने की कोशिश करते रहे, लेकिन उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वे पीछे नहीं हटेंगी। बाद में उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) को फोन कर पूरी जानकारी दी और कार्रवाई की मांग की।
सड़क निर्माण में अड़चन बना सभासद, फिर उल्टा मुकदमा?
राज्यमंत्री ने बताया कि बदलापुर में उनकी विधायक निधि से सड़क निर्माण का कार्य चल रहा था। इसी दौरान स्थानीय सभासद शमशाद ने निर्माण कार्य में बाधा डालते हुए ठेकेदार से अभद्रता की। इस मामले में ठेकेदार ने शमशाद पर सरकारी कार्य में बाधा डालने और रंगदारी का मुकदमा दर्ज कराया।
मंत्री का दावा है कि इसके बाद राजनीतिक दबाव में, उनके समर्थकों—शिवा पांडेय, अबरार, मोहम्मद यूसुफ, असलम और यासिर—पर झूठा केस दर्ज कर दिया गया, जो पूरी तरह गलत है।
“इंस्पेक्टर नहीं हटे तो धरना जारी रहेगा”
राज्यमंत्री ने आरोप लगाया कि थाना प्रभारी पर राजनीतिक दबाव है और उन्होंने अधिकारियों से जानबूझकर गलत रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने दो टूक कहा, “जब तक मुकदमा खत्म नहीं किया जाएगा और इंस्पेक्टर सतीश सिंह को नहीं हटाया जाएगा, तब तक मैं थाने के बाहर धरने पर बैठी रहूंगी।”
अखिलेश यादव का तंज: “राज्यमंत्री भी पुलिस से परेशान”
इस पूरे प्रकरण पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर प्रतिक्रिया दी और सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने लिखा:
“सत्ताधारी राज्यमंत्री महोदया ख़ुद ही अपनी पुलिस की करतूतों के खिलाफ धरना दे रही हैं, मुख्यमंत्री जी को कुछ और सबूत चाहिए क्या?
भाजपा जाएगी तो पुलिस व्यवस्था आएगी।”
सत्ताधारी राज्यमंत्री महोदया ख़ुद ही अपनी पुलिस की करतूतों के ख़िलाफ़ धरना दे रही हैं, मुख्यमंत्री जी को कुछ और सबूत चाहिए क्या।
भाजपा जाएगी तो पुलिस व्यवस्था आएगी। pic.twitter.com/sxtXdC5YOJ
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 24, 2025
सत्ताधारी पार्टी की अपनी ही सरकार के खिलाफ नाराज़गी!
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बीजेपी के भीतर ही प्रशासनिक कार्यशैली को लेकर असंतोष बढ़ रहा है? जब एक राज्यमंत्री को खुद अपनी पुलिस के खिलाफ धरने पर बैठना पड़े, तो यह सिर्फ प्रशासनिक विफलता नहीं, बल्कि राजनीतिक असंतुलन का भी संकेत देता है।