हर हाल में अक्षुण्ण रहे न्याय प्रक्रिया : जस्टिस बोबडे

नागपुर। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि देश की न्याय प्रक्रिया हर हाल में अक्षुण्ण रहनी चाहिए। बदलते समय में न्यायपालिका का कामकाज बरकरार रखने के लिए ई-फायलिंग और ई-रिसोर्स सेन्टर्स की भूमिका अहम होगी।
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में शनिवार को जस्टिस बोबडे ने आधुनिकतम ई-रिसोर्स सेन्टर का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में जस्टिस भूषण गवई, जस्टिस दीपांकर दत्ता, जस्टिस रवि देशपांडे, जस्टिस सुनील शुक्रे प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
जस्टिस बोबडे ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया था। ऐसे में अदालतों का कामकाज सुचारू रूप से चलाना अपने आप में एक चुनौती थी। ई-फायलिंग और ई- हियरिंग के जरिए न्यायालयों का कामकाज जारी रहा, लेकिन समाज के कई लोग जो इन आधुनिक तरीकों से अवगत नहीं थे उन्हें दिक्कत का सामना करना पडा।

उन्होंने कहा कि एक ओर अदालतों में ई-फायलिंग और ऑनलाईन सुनवाई के जरिए कामकाज हो रहा था, लेकिन कई लोग टेक्निकल जानकारी के अभाव में इस सुविधा से वंचित रह गये। नतीजतन ई-फायलिंग जैसी प्रक्रिया को गति देने की जरूरत है, ताकि सभी लोगों को न्याय व्यवस्था का लाभ मिल सके।
जस्टिस बोबडे ने कहा कि नागपुर देश के केन्द्र में है। इस शहर में ई-फाइलिंग सेन्टर जैसी सुविधा उपलब्ध होना अपने-आप में एक अच्छी पहल है। इससे समय, मेहनत और पैसों की बचत होगी। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में नागपुर से प्रारंभ हुई ई-फायलिंग की सुविधा देश के हर राज्य तक पहुंचेगी।

जस्टिस बोबडे ने विश्वास जताया कि आनेवाले दिनों में आधुनिक सुविधाओं की सहायता से देश की न्याय प्रणाली और मजबूत बनकर उभरेगी।

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