अफगाानिस्तान से फौज वापसी पर फिर बाइडेन की सफाई

लोगों की हालत देखकर दिल दुखता है पर इतने लोगों को नुकसान उठाए बिना लाना संभव नहीं, आखिर सेना कब तक वहां रुकती

14 अगस्त से अमेरिका ने मिलिट्री और सहयोगी विमानों पर 25,100 को अफगानिस्तान से निकाला है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को फिर से सफाई दी है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी का फैसला सही था। ऐसा कोई तरीका ही नहीं था कि जिससे इतने लोगों को बिना तकलीफ और नुकसान के काबुल से निकाला जा सकता था।

उन्होंने कहा कि आप लोग जो दिल दुखाने वाली तस्वीरें देख रहे हैं, यह होना ही था। मेरा दिल इन लोगों को देखकर दुखता है। लेकिन आखिर में, सवाल यही है कि अगर हम अभी अफगानिस्तान नहीं छोड़ते तो कब छोड़ते? सेना की वापसी का मेरा फैसला तार्किक, तर्कसंगत और सही फैसले के तौर पर रिकॉर्ड किया जाएगा।

बाइडेन ने कहा- 36 घंटे में 11 हजार लोगों को निकाला
अब तक के अभियान के बारे में बताते हुए बाइडेन ने कहा कि अमेरिका ने 36 घंटे में 11,000 लोगों को निकाला है। हालांकि उन्होंने इसकी डिटेल्स नहीं दी हैं। इसमें अमेरिकी वायु सेना और चार्टर और गैर-अमेरिकी विमान की सभी फ्लाइट्स को भी शामिल किया गया हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि अभी भी हजारों लोग एयरलिफ्ट के इंतजार में हैं। यह प्रक्रिया सिक्योरिटी कारणों और अमेरिकी ब्यूरोक्रेसी के कारण धीमी हो रही है। बाइडेन ने यह भी कहा कि अमेरिकी सेना ने काबुल एयरपोर्ट पर सेफ जोन बढ़ाया है। सेफ जोन का दायरा बढ़ाने में तालिबान ने उनकी मदद की है।

अमेरिका ने 36 घंटों में 11 हजार लोगों को अफगानिस्तान से निकाला।

मैं किसी पर भरोसा नहीं करता
जो बाइडेन से पूछा गया कि कया वे तालिबान पर भरोसा करते हैं, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि मैं किसी पर भरोसा नहीं करता हूं। तालिबान को एक सैद्धांतिक फैसला लेना है। क्या तालिबान अफगानिस्तान के लोगों को एकजुट करके उनकी भलाई का काम कर पाएगा, जो कोई भी 100 साल में नहीं कर पाया है। अगर ऐसा नहीं कर पाया तो उसे आर्थिक सहयोग, व्यापार और भी बहुत सारी चीजों में मदद लेनी पड़ेगी।

14 अगस्त से अफगानिस्तान से लाए गए 25,100 लोग
वाइट हाउस के मुताबिक, अमेरिकी सेना की 8 मिलिट्री फ्लाइट्स ने हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 1,700 यात्रियों को निकाला है। इसके अलावा 39 सहयोगी विमानों ने 3,400 लोगों को लेकर उड़ान भरी है। 14 अगस्त से अमेरिका ने मिलिट्री और सहयोगी विमानों पर 25,100 को अफगानिस्तान से निकाला है। जुलाई के अंत से लेकर अब तक हमने करीब 30,000 लोगों को रिलोकेट किया है।

काबुल एयरपोर्ट पर कई दिनों से लोग फ्लाइट्स के इंतजार में बैठे हैं। अमेरिकी सेना यहां मौजूद कई बच्चों को जरूरी चीजें मुहैया करा रही है।

आतंकी उठा सकते हैं स्थिति का फायदा
बाइडेन ने कहा कि हम जानते हैं कि आतंकी इस स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश करेंगे और मासूमों को या अमेरिकी सेना को निशाना बनाएंगे। हम इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, जिससे किसी भी खतरे भांप कर उसे रोका जा सके। हम ISIS और अफगान का साथ देने वाला ISIS-K शामिल है।

वहीं उन्होंने चिंता जताई कि लोगों को निकालने के अभियान की डेडलाइन 31 अगस्त को खत्म हो रही है। हम मिलिट्री के साथ चर्चा कर रहे हैं कि इस डेडलाइन को बढ़ाया जाए। हमारी उम्मीद है कि डेडलाइन आगे बढ़ाने की नौबत न आए।

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