सिर्फ 10 मिनट की बारिश में ‘स्मार्ट सिटी’ का ये हाल, खम्बों से निकली मौत की चिंगारी.. जैसे आतिशबाजी, देखें वायरल वीडियो

आज 13 जुलाई की शाम जोधपुर के पुराने शहर में मामूली बारिश के साथ ही स्मार्ट सिटी का बिजली ढांचा भी ध्वस्त होने लगा। त्रिपोलिया बाज़ार से मोती चौक व ब्रह्मपुरी इलाके तक बिजली के खंभों में अचानक शॉर्ट सर्किट की घटनाएं देखने को मिलीं, जिससे तेज आवाज और चिंगारियों के साथ तारों का मकड़जाल खतरनाक रूप से लटक गया।
“पटाखों जैसे धमाके” — बिजली तारों का खौफनाक हाल
गुज़रा तेजतम बारिश भी बिजली तंत्र को संभाल नहीं सकी। जैसे ही बिजली के तार पानी में भीग गए, इलाके में पटाखों जैसे जोरदार धमाके गूंजने लगे। सैकड़ों दुकानदार और राहगीर सहम गए। कई जगहों पर तारों से चिंगारियां निकलतीं रही, जिससे हादसे का भय बना रहा।
जान·माल के बड़े खतरे को आमजन ने झेला
यह समस्या केवल एक जगह सिमटकर नहीं रही — त्रिपोलिया, मोती चौक और ब्रह्मपुरी की कई गली-कुचों में समान रूप से तीव्र प्रभाव हुआ। बिजली विभाग की लापरवाही को लेकर स्थानीय लोग नाराज हैं। ऐसे में महिलाओं, बुज़ुर्गों और व्यापारियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए।
बिजली विभाग की लापरवाही कहाँ-कहाँ उभर कर आई?
स्थानीय जनता और व्यापारियों ने बीते कुछ महीनों में कई शिकायतें दीं कि लूज़ वायर और जर्जर खंभों से स्थायी ख़तरा बना हुआ है। यह सिर्फ मौसमी बारिश की समस्या नहीं है — यहां सुरक्षा इंतज़ाम नदारद हैं। पिछले साल रावतों की गली में इस दोषपूर्ण तार के कारण एक व्यक्ति की भी मौत हुई थी।
प्रशासन और विभाग की मौन प्रतिक्रिया पर सवाल
लोगों ने बिजली विभाग और नगर निगम दोनों को कई बार सूचित किया, लेकिन किसी भी स्तर पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। विभाग ने न तो बारिश के दौरान बिजली सप्लाई रोकने की योजना बनाई, न ही चेतावनी बोर्ड लगवाए। आमजन अब पूछ रहे हैं— स्मार्ट सिटी का यह ढांचा कौनसा बना है?
अगली रणनीति — समाधान क्या हो सकते हैं?
तारों और खंभों का त्वरित निरीक्षण एवं मरम्मत – पुराने खंभे और जर्जर तार तत्काल बदले जाएँ।
बारिश में बिजली आपूर्ति प्रबंधन – जैसे बनारस रोडवेज़ में बिजली आपूर्ति को बारिश में रोका जाता है, वैसे ही लोकलाइज़्ड कटौती संभव हो।
सतर्कता बोर्ड और चेतावनी संकेत – इन इलाकों में ‘खतरा: शॉर्ट सर्किट’ जैसे संकेत लगाना चाहिए।
जिम्मेदारों पर कार्रवाई – लापरवाही और संदिग्ध मरम्मत कार्यों के लिए जांच और कड़ी कार्रवाई हो।
मामूली बारिश में बिजली तारों का मकड़जाल और खंभों में शॉर्ट सर्किट जैसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि.smart city का अम्बानभूत ढांचा वास्तव में कितना कमजोर है। यदि तुरंत सुधारात्मक कार्य नहीं हुए, तो यह जनता की जान-माल के लिए और बड़ी आपदा में बदल सकता है। प्रशासन, निगम और बिजली विभाग को मिलकर अब ऐसी स्थिति से निपटना ही होगा।