Viral Video: टूटी पुलिया पर फूंक-फूंक कर कदम रखती दादी, वीडियो ने खड़े किये सवाल.. प्रशासन की उड़ी नींद, अब..

झारखंड के बोकारो जिले के चांपी गांव में रौंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई, जब एक बुजुर्ग महिला, एकदम टूटी-फूटी ब्रिज पर फूंक-फूंक कर नदी पार करती नजर आई। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही प्रशासन ने तुरंत मरम्मत का आदेश जारी किया। आइए जाने पूरी रोचक और दिल दहला देने वाली कहानी।
वायरल वीडियो ने खोला पुल की सच्चाई
X (पूर्व ट्विटर) पर साझा वीडियो में देखा जा सकता है कि वह महिला जर्जर लोहे की सलाखों पर चल रही है, दोनों हाथ रेलिंग को पकड़े हुए—हर कदम पर पूरा संतुलन लगाकर आगे बढ़ रही है। यह दृश्य न केवल रोमांचक है, बल्कि ऐसी खुबसूरत हिम्मत का नमूना भी है, जिसने सोशल मीडिया का ध्यान खींचा।
आ० उपायुक्त @BokaroDc महोदय वीडियो के माध्यम से बोकारो जिला के चाँपी का बताया जा रहा है ग्रामीणों को आने जाने बहुत दिक्कत हो रहा है बुजुर्ग दादी किस तरह पार करते हुए नजर आ रही है मामला को संज्ञान में ले@HemantSorenJMM
निवेदन है कि प्रस्तिथि को देखते हुए यथा शीघ्रजरूरी कदम उठाए pic.twitter.com/wk3SQcBRTA— dineshwar_patel (@dineshwar_15261) July 8, 2025
प्रशासन ने तुरंत ली कार्रवाई
वीडियो में हालत देख बोकारो के डिप्टी कलेक्टर अजय नाथ झा सक्रिय हुए। उन्होंने BDO पेटरवार को पुल की मरम्मत के लिए तुरंत कार्य योजना तैयार करने निर्देश दिए। यह मेलजोल आगे बढ़कर अगली सुबह तक मरम्मत की शुरुआत में बदल गया। आदेश के बाद ग्रामीणों को राहत मिली है।
बारिश ने गिराया पुल का यक़ीन
मॉनसून की तेज बारिश और नदी के तेज बहाव ने इस लोहे के ब्रिज की आधी हिस्से को तबाह कर दिया। पुल का टूटा हिस्सा जर्जर होकर सिर्फ कुछ सलाखों का घेरा बचा था, जो किसी समय भी टूट सकता था। घंटे भर इससे गांववालों का आवागमन गंभीर खतरे में था।
बुजुर्ग महिला की हिम्मत ने किया बदलाव
अगर वह बुजुर्ग महिला उस पुल को पार नहीं करती और अपनी आवाज़ सोशल मीडिया के साथ जोर से उठाती, तो यह पुल शायद तब तक खुला रहता। यही वीडियो था जिसने ‘एक्शन’ की आवाज़ बना दी—फूंक-फूंक कदमों की धमक ने प्रशासन को हिला दिया।
सोशल मीडिया की ताक़त ने छुड़वा दिया एक बुजुर्ग की जानलेवा सफ़र। प्रशासन जागा—धीमे से तेज़—जहां पहले महीनों तक कोई सुनवाई नहीं हुई, वहीं अब सिर्फ कुछ घंटों में ही मरम्मत की प्रक्रिया शुरू हो गई। यह कहानी है लोगों की आवाज़ की शक्ति और इंसानियत का जज़्बा।