80 km की रफ्तार और अचानक स्टीयरिंग फेल.. कई बार पलटी बस, 5 की मौत.. 15 की हालत गंभीर

जौनपुर, उत्तर प्रदेश – जौनपुर जिले में शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई और करीब 30 लोग घायल हो गए। हादसा उस वक्त हुआ जब एक तेज़ रफ्तार बस ओवरब्रिज पर स्टेयरिंग फेल होने के कारण पलट गई। मृतकों में 3 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल हैं, जबकि 15 से ज्यादा घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।

तेज़ रफ्तार और तकनीकी खराबी बनी हादसे की वजह

हादसा सुबह करीब 9 बजे बक्शा थाना क्षेत्र के शंभूगंज बाजार के पास लखनऊ-हरदोई हाईवे पर ओवरब्रिज पर हुआ। बताया जा रहा है कि बस बदलापुर से जौनपुर की ओर जा रही थी और करीब 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही थी। इसी दौरान बस का स्टेयरिंग फेल हो गया, जिससे वह चालक के नियंत्रण से बाहर हो गई और ओवरब्रिज पर दो बार पलटते हुए बीच सड़क पर उलट गई।

सवारियों की चीख-पुकार से मचा हड़कंप

बस के पलटते ही उसमें सवार यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। कई यात्री खिड़कियों से बाहर फेंके गए, जबकि कुछ लोग बस के नीचे दब गए और कई अंदर फंस गए। हादसे की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और राहत व बचाव कार्य में जुट गए। स्थानीय लोगों ने बड़ी मशक्कत से बस के अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला।

स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने संभाला मोर्चा

हादसे की सूचना मिलते ही बक्शा थाना पुलिस, DM और SP घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने क्रेन की मदद से बस को सीधा कराया और रास्ते को क्लियर किया। हादसे में घायल 35 लोगों को तुरंत नौपेड़वा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने 5 लोगों को मृत घोषित कर दिया। 15 गंभीर घायलों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है।

SP और DM ने लिया घटनास्थल का जायज़ा

एसपी डॉ. कौस्तुभ ने मीडिया से बात करते हुए बताया, “हमें सुबह 9 बजे सूचना मिली कि ओवरब्रिज पर एक बस पलट गई है। पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची, राहत कार्य चलाया गया और घायलों को अस्पताल भेजा गया। हादसे में अब तक 5 लोगों की मौत हुई है और 15 से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हैं।”

बस को किया गया जब्त, जांच जारी

पुलिस ने हादसे की जांच शुरू कर दी है और बस को कब्जे में ले लिया गया है। प्रारंभिक जांच में स्टेयरिंग फेल होना हादसे की वजह बताया जा रहा है। हालांकि, दुर्घटना के वास्तविक कारणों की जांच की जा रही है। मृतकों की पहचान और घायलों की सूची भी तैयार की जा रही है।

लापरवाही का एक और खामियाज़ा

यह हादसा एक बार फिर यह सवाल उठाता है कि क्या सड़कों पर दौड़ती सार्वजनिक परिवहन बसों की नियमित जांच और मरम्मत की जाती है या नहीं। यदि समय रहते बस के तकनीकी खराबी की पहचान कर ली जाती, तो शायद ये अनमोल जानें बचाई जा सकती थीं। प्रशासन से उम्मीद है कि दोषियों पर जल्द कार्रवाई होगी और घायलों को हरसंभव सहायता दी जाएगी।

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