जयपुर : आवंटित आवास खाली कराने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष पर लगाया दुराग्रह का आरोप

जयपुर। विधायकों के राजकीय आवास रिक्त करवाने को लेकर राजस्थान विधानसभा के सदस्य कैलाश चन्द्र मेघवाल ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि राजस्थान विधानसभा ;सदस्यों के निवासीय सुविधा नियम 1973 के नियम 3 की पालना में निवासीय सुविधाओं का आवंटन उपनियम 12 के अनुसार आवेदक द्वारा अथवा उसकी ओर से उसका कब्जा लिए जाने की तारीख से प्रभावशील होगा और राजस्थान विधानसभा की उसकी सदस्यता समाप्त होने के एक माह पश्चात् तक का कार्यकाल निर्धारित किया गया है। विधायकगण इस विधानसभा के कार्यकाल समाप्त होने तक उन्हें आवंटित आवासों में रहने के लिए अधिकृत है।

उन्होंने लिखा कि पिछले कई वर्षों से विधायकों के आवास के लिए फ्लैट बनाने की एक अव्यवहारिक एवं अनावश्यक योजना पर विचार चल रहा था। इस योजना की किसी भी विधायक अथवा किसी भी मंच से कभी भी मांग नहीं की गई, उसकी क्रियान्विति के लिए अब ताबड़तोड़ कार्य प्रारम्भ करने की कोशिश चल रही है, जबकि इसकी कतई आवश्यकता नहीं है। विधायकों के वर्तमान में चल रही आवास व्यवस्था से सभी विधायकगण पूर्ण सन्तुष्ट है। वर्ष 2018-2019 में आवंटन के पश्चात इन आवासों पर मरम्मत आदि पर विभाग की ओर से लगभग 5-6 करोड़ रूपये खर्च किए गए है। कई विधायकों ने अपने स्तर पर इन आवासों में मनमाफिक सुविधाओं को ध्यान में रखकर कई करोड़ रूपये भी खर्च किए है। इन आवासों में स्वतंत्र रूप से विधायक क्वार्टर्स है व अन्य स्थानों पर भूतल के फ्लैट में आवास है। प्रथम तल पर अपवाद स्वरूप ही मजबूरी में रहना स्वीकार किया है। इससे यह सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है कि द्वितीय तल से आठवें तल तक के फ्लैट्स का कोई आकर्षण नहीं होगा।

उन्होंने लिखा कि राजस्थान विधानसभा की ओर से 31 जनवरी 2020 को विधायकगणों को सम्बोधित एक पत्र में राजकीय आवास रिक्त करने की सूचना देते हुए लिखा गया कि उक्त आवास को एक माह की अवधि में आवश्यक रूप से रिक्त करना है। लेकिन किसी भी विधायक ने इस पत्र की पालना नहीं की। 30 जून 2020 को दूसरा पत्र भेजकर आवास रिक्त करने के कुछ विकल्प सुझाते हुए 15 दिवस की निर्धारित अवधि तक विकल्प के अनुसार अपनी सहमति देने का अनुरोध किया गया था लेकिन किसी भी विधायक ने तद्नुसार सहमति नहीं दी।

उन्होंने लिखा कि राजस्थान आवासन मण्डल के मानसरोवर एवं प्रतापनगर अपार्टमेन्ट के विधानसभा भवन से दूरी व लोकेशन की स्थिति विधायकों के लिए कतई सुविधाजनक नहीं है। नए आवास फ्लैट्स की योजना के निर्माण के लिए विधानसभा के अध्यक्ष महोदय का दुराग्रह एक बड़ा कारण है। उन्होंने लिखा कि वर्तमान में कोरोना महामारी समेत अन्य समस्याओं के बीच राज्य सरकार की माली हालत भी ठीक नहीं है। ऐसे में सभी पहलुओं पर विचार करते हुए विधायकों के आवास संबंधी समस्या पर विचार-विमर्श के बाद ही निर्णय करना समीचीन होगा।

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