Viral Fever से जूझ रहे फिरोजोबाद के हालात सुधरने में लगेंगे इतने दिन, बढ़ रही मरीजों की संख्या

लखनऊ. वैसे तो पूरे प्रदेश में डेंगू (Dengue Menace) के मामले बढ़ते जा रहे हैं. शायद ही कोई जिला होगा जहां डेंगू के मरीज नहीं होंगे लेकिन, सबसे ज्यादा आफत तो सुहागनगरी फिरोजोबाद (Firozabad) के लिए बनी हुई है. फिरोजोबाद में न तो नये मरीजों की संख्या में कमी आ रही है और न ही होने वाली मौतों की संख्या में. पिछले 24 घण्टों में फिरोजोबाद में 3 और बुखार पीड़ितों की मौत हो गयी. ये सभी 12 साल के कम उम्र के बच्चे ही थे.जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. 1 सितम्बर की रात तक फिरोजोबाद मेडिकल कॉलेज में 730 बुखार के पीड़ित भर्ती थे. इसमें से 305 बड़े जबकि 300 बच्चे हैं. इसके अलावा 125 इमरजेन्सी में भर्ती हुए हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फिरोजोबाद में अभी तक 45 की मौत बुखार से हुई है. इनमें से 43 बच्चे जबकि 2 बड़े हैं.

लेकिन, इस संकट के बीच उम्मीद की एक किरण दिखाई दे रही है. फिरोजोबाद में कैम्प कर रहे वेक्टर बॉर्न डिजीजेस के ज्वाइण्ट डायरेक्टर डॉ. अवधेश यादव ने कहा है कि पांच दिनों के बाद नये मरीजों की संख्या कम होने लगेगी. उन्होंने कहाकि जब तक मच्छरों और उनके लार्वा का खात्मा नहीं होगा तब तक बुखार को फैलने से रोका नहीं जा सकेगा. इसके लिए शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में लोगों के घरों घरों में दवाई का छिड़काव किया जा रहा है. मच्छरों के पनपने के अवसर खत्म होते ही बीमारी भी खत्म हो जायेगी. मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में आने वाले मरीजों की बढ़ती संख्या से ये पता चल रहा है कि लोग झोलाछाप डॉक्टरों के चक्करों से बच रहे हैं और अस्पताल पहुंच रहे हैं.

बुखार आने पर सावधान रहने की नसीहत
लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के मेडिसिन विभाग में एडिश्नल प्रोफेसर डॉ. श्याम चन्द चौधरी ने बुखार आने पर लोगों के सावधान रहने की बात कही है. उन्होंने कहा कि यदि तेज बुखार के साथ पेट और सिर में दर्द हो, खासकर सिर के अगले हिस्से में तो, बिना क्वालीफाइड डॉक्टर से दिखायें बुखार की गोली न खायें. डेंगू के संक्रमण में बुखार उतरने के बाद ही रिस्क बढ़ता है. इसलिए बुखार का उतरना बीमारी का खत्म होना नहीं है.

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