सिराथू में केशव प्रसाद मौर्य को टक्कर देना पल्लवी पटेल के लिए नहीं होगा आसान

सिराथू में केशव प्रसाद मौर्य को टक्कर देंगी पल्लवी पटेल, जानिए क्या राजनीतिक रण

लखनऊ: विधानसभा चुनाव ने यूपी के सियासी राजनीति में हलचल पैदा कर दी है. यूपी विधानसभा चुनाव के दो चरण का मतदान संपन्न हो चुका है अब सभी पार्टियां तीसरे चरण का मतदान 20 फरवरी को होने वाला है. चौथे चरण के बाद 27 फरवरी को यूपी में पांचवे चरण 12 जिलों की 61 सीटों पर मतदान होना है. इस चरण में कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा सीट राज्य की सबसे चर्चित सीटों में से एक है. इस सीट की चर्चा इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि यहां से भाजपा ने यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को चुनावी मैदान में उतारा है.

पल्लवी पटेल ने केशव प्रसाद मौर्य खिलाफी ठोंकी ताल

वहीं, दूसरी तरफ सपा-अपना दल गठबंधन की ओर से पल्लवी पटेल को टिकट दिया गया है. सिराथू सीट पर केशव प्रसाद मौर्य के सामने सपा गठबंधन उम्मीदवार की राह आसान नहीं होगी. भाजपा  संगठन की मोर्चेबंदी को तोड़ पाना उनके लिए बड़ी चुनौती है. बूथ से लेकर सेक्टर स्तर तक भाजपा  जीत का पूरा जोर लगा रही है.

सिराथू विधानसभा सीट से सपा गठबंधन की उम्मीदवार पल्लवी पटेल बेरोजगारी के मुद्दे को उठा रही हैं. वह खुद को कौशांबी की बहू कहकर लोगों के दिल में जगह बनाने की कोशिश में जुटी हुई हैं. इसके साथ ही वह महिलाओं के बीच भी पैठ बनाने की कोशिश में जुटी हैं. हालांकि भाजपा सरकार में रोजगार पाने वाली महिलाओं को साध पाना उनके लिए काफी चुनौती भरा होगा.

सिराथू में केशव प्रसाद मौर्य को टक्कर दे पाना है मुश्किल

इस सीट पर सपा-गठबंधन पटेल, यादव, मुस्लिम और पालों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहा है. हालांकि, केशव प्रसाद मौर्य की छवि ऐसे नेता की है, जो मिलनसार और सबको साथ लेकर चलते हैं. खबर के मुताबिक कोरोना लॉकडाउन में भाजपा की तरफ से गरीबों को बांटे गए मुफ्त राशन का भी क्षेत्र में प्रभाव माना जाता है. ऐसे में बीजेपी से गरीब वोटर्स को अपनी तरफ खींचना सपा गठबंधन के लिए आसान नहीं होगा. सिराथू के लोग पीएम आवास योजना, उज्ज्वला योजना, किसान सम्मान योजना से भी खासा प्रभावित हैं. वहीं युवा के लिए ई-श्रम योजना भी काफी प्रभाव डालने वाली है. ऐसे में पल्लवी के सामने केशव प्रसाद मौर्य काफी मजबूत नजर आते हैं. अब सभी को 10 मार्च का इंतजार है, जब चुनाव के परिणाम आएंगे.

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