पेगासस पर लगे आरोपों की जांच के लिए इजरायल ने बनाई कमिटी, भारत समेत कई देशों में है बवाल

इजरायल में बने पेगासस सॉफ्टवेयर से जासूसी की खबर आने के बाद पूरी दुनिया में बवाल मचा हुआ है। एनएसओ ग्रुप द्वारा बनाए गए इस सॉफ्टवेयर से जासूसी की लिस्ट में भारत के भी कई प्रमुख नाम सामने आए हैं। इन सबके बीच इजरायल ने मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी है। इजरायली संसद के विदेश व रक्षा समिति के प्रमुख ने गुरुवार को इस बात की घोषणा की।

एनएसओ अधिकारी जांच से हैं खुश
राम बेन बराक ने इस बारे में आर्मी रेडियो से कहा, एक विभिन्न ग्रुपों वाला रिव्यू कमीशन बैठाया गया है। एक बार जब इनका रिव्यू पूरा हो जाएगा तो इसके बाद हम रिजल्ट्स पर गौर करेंगे। इजरायली जासूसी एजेंसी मोसाद के पूर्व उपप्रमुख ने रह चुके राम बेन ने कहाकि परिणाम आने के बाद देखेंगे कि कहां पर सुधार की गुंजाइश है। गौरतलब है कि पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए दुनिया के 14 राष्ट्र प्रमुखों के अलावा, पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के फोन की जासूसी करने का दावा किया गया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल और पेरिस के फॉरबिडेन स्टोरीज को मिली 50 हजार टारगेट्स की लिस्ट में इनके नंबर्स भी शामिल हैं। वहीं पेगासस को बनाने वाले एनएसओ का कहना है कि यह लिस्ट पेगासस के पोटेंशियल टारगेट्स की लिस्ट नहीं है। एनएसओ के चीफ एग्जीक्यूटिव शैलेव हुलिया ने आर्मी रेडियो को बताया कि हमें इस बात की बहुत खुशी है कि मामले की जांच हो रही है। इससे स्पष्ट हो जाएगा कि हम इसमें शामिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पेगासस पर लगे आरोप पूरी इजरायली साइबर इंडस्ट्री के ऊपर धब्बा लगाने की कोशिश हैं।

अगर गलत हुआ है तो जांच करेंगे
वहीं एनएसओ का कहना है कि वह करीब 45 देशों को पेगासस सॉफ्टवेयर बेचते हैं। इसके लिए उनके पास इजरायली सरकार की अनुमति है। हुलियो ने कहाकि कांफिडेंशियल होने के चलते कंपनी कांट्रैक्ट्स का विवरण सार्वजनिक नहीं कर सकती है। हालांकि अगर कोई सरकार ज्यादा डिटेल चाहती है तो पूरी ट्रांसपैरेंसी रखेंगे। उन्होंने कहाकि किसी भी देश का कोई भी अधिकारी आ जाए। हम उन्हें पूरी की पूरी जानकारी देंगे। वह सबकुछ जान सकते हैं। वहीं बेन बराक का कहना है कि इस मामले की समीक्षा करने के पीछे उद्देश्य पेगासस को लाइसेंस जारी करने से जुड़ा है। उन्होंने कहाकि पेगासस ने कई आतंकी नेटवर्क्स का खुलासा किया है। लेकिन अगर इसका गलत इस्तेमाल हुआ है या फिर इसे किसी गैर-जिम्मेदार संगठन को बेचा गया है तो फिर इसकी जांच होनी चाहिए।

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