क्या गांधी परिवार हो रहा एकजुट? क्या वरुण गांधी का बीजेपी से हो रहा है मोहभंग?

लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गुरुवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी (National Working Committee) का पुनर्गठन किया और सूची जारी की. उस सूची में बीजेपी के सांसद मेनका गांधी (Maneka Gandhi) और वरुण गांधी (Varun Gandhi) का नाम नहीं होने पर अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं. हालांकि इस फैसले पर वरुण गांधी ने कहा है कि वह पिछले पांच सालों से एनईसी की एक भी बैठक में शामिल नहीं हुए हैं. सवाल उठ रहे हैं लखीमपुर कांड के बाद वरुण गांधी किसानों को लेकर लगातार वीडियो ट्वीट कर रहे थे, क्या इसका नतीजा है? इस सवाल पर वरुण गांधी का कहना है कि मैं हमेशा सही बातों को सामने रखता आया हूं.

हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि वरुण गांधी के तेवरों की वजह से बीजेपी को लगातार परेशानी हो रही थी, क्योंकि हाल के दिनों में लखीमपुर हिंसा को लेकर वरुण गांधी लगातार सरकार से कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे. वरुण ने योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में भी लखीमपुर में किसानों की हत्या का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी.

वरुण गांधी ने गुरुवार को भी एक वीडियो को शेयर करते हुए लिखा था कि हत्या के जरिए प्रदर्शनकारियों को चुप नहीं कराया जा सकता और जवाबदेही तय होनी चाहिए. वरुण गांधी की टिप्पणी के बाद उन्हें कार्यकारिणी के बाहर किए जाने के फैसले को पार्टी अध्यक्ष की नाराजगी के तौर पर भी देखा जा रहा है.

गौरतलब है कि अपने इस बदले तेवर से उन्होंने पूरी घटना में बीजेपी सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया. इस बीच बीजेपी हाईकमान ने भी वरुण गांधी को संदेश देते हुए मां मेनका गांधी के साथ बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति में जगह नहीं दी. अब सत्ता के गलियारे में तरह-तरह की चर्चाएं हैं. सबसे बड़ी चर्चा ये है क्या दशकों बाद गांधी परिवार फिर से एकजुट होगा? फिलहाल इस सवाल पर वरुण गांधी चुप हैं लेकिन कहीं न कहीं वे बीजेपी से आहत नजर आ रहे हैं.

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