ड्रैगन के इशारों पर नाच रहा तालिबान? कहा- अफगानिस्तान के विकास में चीन दे सकता है योगदान

अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान हर रोज नए-नए तरह के पैंतरे दिखा रहा है। कभी वह अपनी हरकतों से परेशान कर रहा है तो कभी अपने बयान से हैरान कर रहा है। शुक्रवार को भी तालिबान ने एक ऐसा ही हैरान करने वाला बयान दिया है। इस बयान में उसने कहा है कि चीन ने अफगानिस्तान में शांति और विकास में अहम योगदान दिया है। इसके साथ ही उसने चीन को यहां पर विकास कार्य के लिए आमंत्रित किया है। तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने चीन की सरकारी मीडिया को दिए बयान में यह बात कही है। उसकी बातों से अंदाजा लगाया जा रहा है कि तालिबान ड्रैगन के इशारों पर नाचने को तैयार है।

इसलिए चीन से हो सकती है नजदीकी
गौरलतब है कि तालिबान ने हाल ही में पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। इसके बाद से ही वहां पर भगदड़ के हालात बने हुए हैं। लोग अपनी जान बचाने के लिए यहां-वहां भाग रहे हैं। लोगों को डर है कि तालिबान एक बार फिर से अपने पुराने तौर तरीकों को अपनाएगा और लोगों पर जुल्म करेगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि रूस और अमेरिका की तुलना में चीन तालिबान से आसानी से डील कर सकता है। वजह, उसने अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ कोई युद्ध नहीं लड़ा है।

चीन की भी हैं अपनी चिंताएं
वहीं गुरुवार को सीजीटीएन टेलीविजन को दिए इंटरव्यू में तालिबान प्रवक्ता शाहीन ने अपना विचार रखा है। उसने कहा कि चीन एक बड़ी इकॉनमी और क्षमता वाला देश है। वह अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और यहां पर चीजों को बेहतर बना सकता है। वहीं चीन को इस बात की चिंता है कि तालिबान के फिर से उभरने पर उसके लिए समस्याएं बढ़ सकती हैं। चीन को डर है कि पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में अलगाववादियों को बढ़ावा देने में तालिबान का इस्तेमाल हो सकता है। पिछले महीने उत्तरी चीन के तियानजिन में तालिबान डेलीगेशन के साथ मुलाकात में चीनी विदेश मंत्री अफगानिस्तान में मॉडरेट इस्लामी पॉलिसी की वकालत कर चुके हैं।

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