नवजोत सिंह सिद्धु और भगवंत मान की ‘मुलाकात’ से पंजाब में बिछेगी नई सियासी बिसात? अटकलों का दौर शुरू

पंजाब कांग्रेस में उथलपुथल, नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल का आज से शुरू हो रहा पंजाब का दौरा राज्य की सियासत में कई तरह के कयासों को जन्म दे रहा है। नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है और उनका अगला कदम क्या होगा, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। इस बीच सोमवार को आम आदमी पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख भगवंत मान और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच कथित मुलाकात की चर्चा से राजनीतिक गलियारा गुलजार है।

हालांकि, आम आदमी पार्टी में से किसी ने भी इस मुलाकात की पुष्टि नहीं की है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि जिस तरह नवजोत सिंह सिद्धू अपनी पार्टी से नाराज थे, ठीक उसी तरह भगवंत मान भी आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा उन्हें पार्टी के पंजाब के सीएम उम्मीदवार के रूप में नामित नहीं करने के फैसले से नाखुश हैं। अब यह देखना होगा कि इन दोनों के मुलाकात के क्या सियासी मायने निकलते हैं।

हालांकि, जिस तरह से दोनों नेता अपनी-अपनी पार्टियों से नराजा हैं और समय-समय पर पंजाबियत की बात करते दिखे हैं, ऐसे में पंजाब में एक नए गठजोड़ की संभावना से भी नकारा नहीं जा सकता। सिद्धू और मान ने हमेशा ही पंजाब और पंजाबियों की बात की है, ऐसे में आगामी चुनाव को देखते हुए और जमीन पर अपनी मजबूती को देखते हुए आने वाले दिनों में कुछ बड़ा ऐलान कर दें तो इसमें कोई हैरानी नहीं होगी। ऐसी खबर है कि कांग्रेस इस बार सिद्धू को मनाने वाली नहीं है, ऐसे में सिद्धू को अब नया रास्ता ही तलाशना होगा।

इधर, पंजाब में सियासी सरगर्मी के बीच आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज यानी बुधवार से दो दिन के पंजाब दौरे पर रहेंगे। कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद केजरीवाल का यह पंजाब का पहला दौरा है। वह दिन में लुधियाना में व्यापारियों के अगले चुनाव को लेकर बातचीत करेंगे। साथ ही वह आगामी बृहस्पतिवार को पंजाब में चुनावों को लेकर बड़ी घोषणा कर सकते हैं।

आम आदमी पार्टी मुखिया बीते कुछ समय उन सभी राज्यों में दौरा कर रहे हैं, जहां अगले एक साल के अंदर चुनाव हैं। पंजाब में पहले भी रैलियां व प्रेस कांफ्रेस कर चुके हैं। मगर वहां सत्ता में काबिज कांग्रेस के अंदर जिस तरह सियासी उठापटक चल रही है उसके लिहाज से आम आदमी पार्टी संयोजक का यह दौरा उससे जोड़कर देखा जा रहा है।

आम आदमी पार्टी अब पंजाब में अपने आप को मजबूत मान रही है। कांग्रेस के अंदरूनी लड़ाई सार्वजनिक होने के बाद इसे अपना फायदा भी देख रही है। बताते चलें कि आम आदमी पार्टी पंजाब में मुख्य विपक्षी दल है। किसान आंदोलन में आप ने जिस तरह की भूमिका निभाई उससे भी पार्टी को फायदा होता दिख रहा है। इस बीच पंजाब कांग्रेस में चल रही लड़ाई का फायदा भी आम आदमी पार्टी जुट गई है।

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