प्रदेश की चौथी रीजनल फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल)में जांच का कार्य शुरू

चंडीगढ़ , हरियाणा में अपराध की जांच में तेजी लाने के लिए प्रदेश में स्थापित चौथी रीजनल फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) ने हिसार में कार्य करना शुरू कर दिया है।


प्रदेश में तीन रीजनल लैब गुरुग्राम के भोंडसी, रोहतक के सुनारिया और पंचकुला के मोगीनंद में पहले से ही संचालित हैं। इसके अतिरिक्त, मधुबन में मुख्य फॉरेंसिक साइंस लैब की सुविधा है।
पुलिस के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि नई रीजनल एफएसएल ने 12 फरवरी से नारकोटिक, टोक्सिकोलॉजी और सेरोलॉजी डिविजन में विभिन्न आपराधिक मामलों से संबंधित सैंपल प्राप्त करना शुरू कर दिया है।

इस लैब पर केवल तीन जिलों हिसार, फतेहाबाद और सिरसा सहित पुलिस जिला हांसी के केसों की जांच का ही भार होगा। रीजनल लैब की स्थापना का उद्देश्य वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके अधिक कुशल जांच प्रक्रिया सुनिश्चित करना है। लैब के शुरू होने से उपरोक्त जिलों के लोगों को जल्द न्याय मिलेगा।

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प्रवक्ता ने बताया कि इससे पहले इन चारों जिलों में होने वाले अपराधों से संबंधित सैंपलों की जांच एफएसएल मधुबन में की जाती थी। वहां केस जमा करने और रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए ज्यादा समय और संसाधन दोनो की खपत हो रही थी साथ ही जांच का कार्य अधिक होने के कारण रिर्पोट आने में भी विलंब होता था। अब रीजनल लैब संचालित होने से पूरी जांच प्रक्रिया तेज होगी और आम जनता को जल्द से जल्द नतीजे मिलेंगे।


उल्लेखनीय है कि डीजीपी मनोज यादव की देखरेख में निदेशक एफएसएल हरियाणा मधुबन, डॉ. आर.सी. मिश्रा और आईजीपी हिसार रेंज,संजय कुमार के सहयोग से क्षेत्रीय एफएसएल की स्थापना की गई है तथा डॉ. अजय कुमार को रीजनल एफएसएल, हिसार का सहायक निदेशक एवं इंचार्ज नियुक्त किया गया है।

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