स्वार्थ व अवसरवादी राजनीति के सिवा कुछ नहीं है बसपा का प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन

अंबेडकर नगर,  उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 में होना है। लगभग पांच महीने बाद विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने वाला है। ऐसे में बंद कमरे में चार साल तक रहने वाले विपक्ष को विभिन्न समाजों की चिंता सताने लगी है। इस प्रकार की चिंता करने में सबसे पहला नंबर बहुजन समाज पार्टी का है। 2007 की तर्ज पर बहुजन समाज पार्टी ने एक बार फिर से ब्राह्मण दलित गठजोड़ जे सहारे सत्ता में पहुंचने का दिवास्वप्न देखना शुरू कर दिया है। बसपा ने ब्राह्मण सम्मलेन की शुरूआत अयोध्या से शनिवार व रविवार को अंबेडकरनगर में भी आयोजित किया।

इस सम्मेलन को लेकर जिले के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों की क्या राय है,इस पर उनकी राय लेने की कोशिश की गई। प्रश्न यह रहा कि क्या वे इसे बहुजन समाज पार्टी की अवसरवादी राजनीति मानते हैं या यह समय की मांग है कि ब्राह्मण व दलित एक होकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार को उखाड़ फेंके।

स्थानीय बीएन डिग्री कालेज के सेवानिवृत्त असिस्टेंट प्रोफेसर ओम प्रकाश त्रिपाठी का कहना है कि सतीश मिश्र ने अपने मन में बसपा को समूल नष्ट करने का संकल्प ले रखा है और वह धीरे-धीरे उसे नष्ट भी कर चुके हैं। उन्होंने सवाल किया कि आज अचानक ब्राह्मण हितों की दुहाई देने निकली बसपा इन साढ़े चार साल तक कहां थी। नेपथ्य में पड़े रहे सतीश मिश्र को एक बार फिर बसपा ने ब्राह्मणों को छलने के लिए मैदान में उतार दिया है। इसे विशुद्ध अवसरवादी राजनीति के सिवा कुछ नहीं कहा जा सकता।

जनपद न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अम्बरीष मिश्र ने कहा कि यह बसपा की अवसरवादी राजनीति है जिसमे ब्राह्मण फंसने वाला नहीं है। वह अपना हित व अहित देखकर आगे का निर्णय लेने में सक्षम है।

शिक्षक प्रतिनिधि उदयराज मिश्र के अनुसार ब्राह्मण सम्मेलन का जो आयोजन प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के नाम पर किया जा रहा है। उससे सोये हुए ब्राह्मणों में राजनैतिक एकता की भावना अवश्य बलवती होगी। किन्तु ब्राह्मणों का सम्मेलन तब सफल होगा जब राजनैतिक दल सत्ता के साथ ही संगठन में भी जगह देंगे।

पूर्व प्रधान राजकुमार भट्ट की इस प्रकार के सम्मेलन पर अलग ही राय है । उनका कहना है कि सवाल सिर्फ बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा जी का नहीं है। इस तरह का धूर्तता पूर्ण कार्य सभी राजनीतिक पार्टियां खुलेआम कर रहे हैं और जनता को जातियों में बांट कर उन्हें बेवकूफ बनाकर सत्ता हासिल कर रही हैं। आज जो कुछ भी हो रहा है उसका सबसे प्रत्यक्ष उदाहरण आपके सामने है।

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