तूफान के बीच था सिर्फ अंधेरा और हमारा हौसला”: क्या INSV तारिणी की बेटियां तिरंगा प्वाइंट निमो तक ले जा सकीं ?

भारतीय बेटियां आज हर क्षेत्र में अपनी योभारतीय बेटियां आज हर क्षेत्र में अपनी योग्यता और साहस का परिचय दे रही हैं। एक ऐसा ही प्रेरणादायक उदाहरण हाल ही में सामने आया, जब भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारियों — लेफ्टिनेंट दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा — ने नौसेना पोत INSV तारिणी पर सवार होकर ‘नाविका सागर परिक्रमा II’ अभियान को सफलता पूर्वक पूरा किया। इस ऐतिहासिक जलयात्रा के दौरान उन्होंने दुनिया के अंतिम छोर ‘प्वाइंट निमो’ पर भारत का तिरंगा फहराकर पूरे देश को गौरवांवित किया।
INSV तारिणी से शुरू हुआ जलयात्रा का साहसिक सफर
INSV तारिणी पर सवार होकर दोनों अधिकारी 30 मई को गोवा लौटीं। वहां आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने अपनी 8 महीने की समुद्री यात्रा के रोमांचक अनुभव साझा किए। लेफ्टिनेंट दिलना के ने बताया कि यात्रा के दौरान एक भीषण तूफान ने रास्ता रोकने की कोशिश की, लेकिन वे डटी रहीं और प्वाइंट निमो तक पहुंचने का निर्णय लिया।
प्वाइंट निमो पर फहराया तिरंगा, लिया साहसिक फैसला
लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना ने कहा, “हमारे लिए यह एक भावनात्मक और गर्व का क्षण था, जब हमने दुनिया के सबसे एकांत समुद्री स्थान प्वाइंट निमो पर भारतीय तिरंगा और नौसेना का झंडा फहराया। तूफान के बीच हमने यह तय किया कि चाहे कुछ भी हो जाए, हम इस लक्ष्य को छोड़ेंगे नहीं।” यह निर्णय जोखिम भरा जरूर था, लेकिन उनके आत्मविश्वास और हिम्मत ने यह कारनामा मुमकिन कर दिखाया।
महिला सशक्तिकरण को मिला नया आयाम
लेफ्टिनेंट दिलना ने इस मौके पर कहा कि “भारत आज नारी शक्ति को आगे बढ़ाने के लिए अनेक अवसर दे रहा है।” उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से एक दिन पहले वीडियो कॉल पर उनसे वादा किया था कि वह लौटने पर स्वागत के लिए मौजूद रहेंगे — और उन्होंने वादा निभाया। यह सभी महिला अधिकारियों के लिए प्रेरणा देने वाला क्षण था।
आठ महीने की यात्रा में खट्टे-मीठे अनुभव
लेफ्टिनेंट रूपा ने बताया कि इस समुद्री यात्रा ने उन्हें जीवन के कई सबक सिखाए। “हमारे पास जहाज पर फ्रिज जैसी कोई सुविधा नहीं थी, इसलिए भोजन में ज़्यादातर चावल और दाल जैसे आसान विकल्पों का सहारा लिया गया। लेकिन इन सभी सीमाओं के बावजूद, हमने कई खूबसूरत पल भी संजोए।” यह यात्रा एक जीवन बदलने वाला अनुभव बन गई।
महिलाओं को तैयार रहना होगा नए अवसरों के लिए
रूपा ने सभी महिलाओं को संदेश देते हुए कहा, “आज देश में महिलाओं को अनेक मंचों पर अवसर मिल रहे हैं, ज़रूरत है सिर्फ उन्हें पहचानने और तैयार रहने की।” उन्होंने कहा कि “भारतीय समाज एक-दूसरे को आगे बढ़ाने में विश्वास करता है और यही हमारी असली ताकत है।”
ग्यता और साहस का परिचय दे रही हैं। एक ऐसा ही प्रेरणादायक उदाहरण हाल ही में सामने आया, जब भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारियों — लेफ्टिनेंट दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा — ने नौसेना पोत INSV तारिणी पर सवार होकर ‘नाविका सागर परिक्रमा II’ अभियान को सफलता पूर्वक पूरा किया। इस ऐतिहासिक जलयात्रा के दौरान उन्होंने दुनिया के अंतिम छोर ‘प्वाइंट निमो’ पर भारत का तिरंगा फहराकर पूरे देश को गौरवांवित किया।
INSV तारिणी से शुरू हुआ जलयात्रा का साहसिक सफर
INSV तारिणी पर सवार होकर दोनों अधिकारी 30 मई को गोवा लौटीं। वहां आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने अपनी 8 महीने की समुद्री यात्रा के रोमांचक अनुभव साझा किए। लेफ्टिनेंट दिलना के ने बताया कि यात्रा के दौरान एक भीषण तूफान ने रास्ता रोकने की कोशिश की, लेकिन वे डटी रहीं और प्वाइंट निमो तक पहुंचने का निर्णय लिया।
प्वाइंट निमो पर फहराया तिरंगा, लिया साहसिक फैसला
लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना ने कहा, “हमारे लिए यह एक भावनात्मक और गर्व का क्षण था, जब हमने दुनिया के सबसे एकांत समुद्री स्थान प्वाइंट निमो पर भारतीय तिरंगा और नौसेना का झंडा फहराया। तूफान के बीच हमने यह तय किया कि चाहे कुछ भी हो जाए, हम इस लक्ष्य को छोड़ेंगे नहीं।” यह निर्णय जोखिम भरा जरूर था, लेकिन उनके आत्मविश्वास और हिम्मत ने यह कारनामा मुमकिन कर दिखाया।
महिला सशक्तिकरण को मिला नया आयाम
लेफ्टिनेंट दिलना ने इस मौके पर कहा कि “भारत आज नारी शक्ति को आगे बढ़ाने के लिए अनेक अवसर दे रहा है।” उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से एक दिन पहले वीडियो कॉल पर उनसे वादा किया था कि वह लौटने पर स्वागत के लिए मौजूद रहेंगे — और उन्होंने वादा निभाया। यह सभी महिला अधिकारियों के लिए प्रेरणा देने वाला क्षण था।
आठ महीने की यात्रा में खट्टे-मीठे अनुभव
लेफ्टिनेंट रूपा ने बताया कि इस समुद्री यात्रा ने उन्हें जीवन के कई सबक सिखाए। “हमारे पास जहाज पर फ्रिज जैसी कोई सुविधा नहीं थी, इसलिए भोजन में ज़्यादातर चावल और दाल जैसे आसान विकल्पों का सहारा लिया गया। लेकिन इन सभी सीमाओं के बावजूद, हमने कई खूबसूरत पल भी संजोए।” यह यात्रा एक जीवन बदलने वाला अनुभव बन गई।
महिलाओं को तैयार रहना होगा नए अवसरों के लिए
रूपा ने सभी महिलाओं को संदेश देते हुए कहा, “आज देश में महिलाओं को अनेक मंचों पर अवसर मिल रहे हैं, ज़रूरत है सिर्फ उन्हें पहचानने और तैयार रहने की।” उन्होंने कहा कि “भारतीय समाज एक-दूसरे को आगे बढ़ाने में विश्वास करता है और यही हमारी असली ताकत है।”