स्मार्टफोन, लैपटॉप, टीवी समेत दूसरे इलेक्ट्रॉनिक और होम अप्लायंस होंगे महंगे; समझिए आपकी जेब पर क्या होगा असर

फेस्टिवल सीजन में महंगाई की मार?

इस साल फेस्टिव सीजन में बाजार गुलजार हैं। दुकानें खुल गई हैं और सामान खरीदने के लिए भीड़ अब पहले की तरह उमड़ने लगी है। नवरात्रि, दशहरा, धनतेरस और दीवाली तक खरीदारी की रफ्तार और बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि इस रफ्तार में महंगाई के चलते ब्रेक भी लग सकता है। दरअसल, फोर और टू-व्हीलर के बाद अब लोगों की जरूरतों से जुड़े सामान जैसे स्मार्टफोन, लैपटॉप, टीवी, फ्रिज, एयर कंडीशनर की कीमतें भी बढ़ने वाली हैं। यानी आप इनमें से कोई भी सामान खरीदने वाले हैं तो जेब टाइट कर लीजिए।

इन गुड्स के निर्माण में लगने वाले कच्चे माल और इनकी ढुलाई की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। इस वजह से देश में इन सामानों की कीमतें बढ़ने वाली हैं। मैन्युफैक्चर्स के मुताबिक, लागत के मामले में ये अब तक का सबसे बुरा समय है। कुछ फोर और टू-व्हीलर कंपनियां तो पहले ही कीमतें बढ़ा चुकी हैं।

फेस्टिवल सीजन में इन सामानों की कीमतें बढ़ने की वजहों को आइए विस्तार से समझते हैं, साथ ही इससे आपकी जेब पर जो असर होगा उसे भी…

इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम 8% तक महंगे होंगे
आने वाले दिनों में या यूं कहें नवरात्रि के आसपास कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स 8 प्रतिशत तक महंगे हो सकते हैं। वहीं, कार और टू-व्हीलर की कीमतों में 1-2 प्रतिशत तक का इजाफा किया जा सकता है। पिछले 12 से 18 महीने के दौरान कई मौकों पर कारों और टू-व्हीलर्स की कीमतों में 10-15% बढ़ोतरी देखी गई है। इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम महंगे होने से आप पर क्या असर होगा? इसे एक उदाहरण से समझिए….

मान लीजिए, आप एक नया 4K टीवी और फ्रिज खरीदने का प्लान कर रहे हैं। एक बेहतर कंपनी के टीवी की मौजूदा कीमत 25 हजार रुपए और फ्रिज की कीमत 20 हजार रुपए है। यानी 45,000 रुपए में आप इन दोनों आइटम को खरीद सकते हैं। अब यदि आने वाले सप्ताह में इन दोनों की कीमत में 8% का इजाफा हो जाता है, तब आपको 3600 रुपए एक्स्ट्रा खर्च करने होंगे।

इम्पोर्ट हो रहा महंगा
व्हीकल इम्पोर्ट की कीमतें भी पिछले कुछ महीनों से तेजी से बढ़ रही हैं। जिसके चलते 5 लाख रुपए से 25 लाख रुपए वाली कारों के मॉडल्स 50,000 रुपए से 2.5 लाख रुपए तक महंगे हो गए हैं। महंगे इम्पोर्ट का असर टू-व्हीलर्स पर भी हुआ है। इस अवधि के दौरान बाइक और स्कूटर की कीमतें 5,000 रुपए से 10,000 रुपए तक बढ़ाई जा चुकी हैं।

सालभर में स्टील की कीमतें दोगुना बढ़ चुकी हैं, वहीं एल्युमीनियम और कॉपर के मूल्यों में भी 20-25% की तेजी आई है। दुनियाभर में सेमीकंडक्टर की कमी के चलते इनकी कीमतों में भी 25-75% की बढ़ोतरी हुई है। इन सभी की कीमतों में इजाफा होने के साथ माल ढुलाई की लागत में दो-तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। इस वजह से इम्पोर्ट सबसे महंगा हुआ है।

कार की कीमतों में 5 बार हुआ बदलाव
कीमतों के बढ़ने से टू-व्हीलर मार्केट बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जबकि कार की डिमांड पर इसका ज्यादा असर नहीं दिखा है। पिछले 2-3 महीनों में कारों की बिक्री के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं। इसे लेकर कंसल्टेंसी जाटो डायनेमिक्स इंडिया के प्रेसिडेंट रवि भाटिया ने कहा कि इस साल के पहले 9 महीने में सबसे ज्यादा बिकने वाली कार के 10 मॉडल्स की कीमत में 5 बार बदलाव किया जा चुका है। दूसरी तरफ, वेटेड एवरेज इंसेंटिव 13,000 रुपए से घटकर 8,000 रुपए प्रति कार हो गया है।

विदेशी कंपनी का सामान 8% तक महंगा
इंटरनेशनल डेटा कॉर्पोरेशन (IDC) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि स्मार्टफोन की कीमतें 3-5% तक बढ़ चुकी हैं, क्योंकि सभी कंपनियों ने फिर से मैन्युफैक्चरिंग शुरू कर दी है। ये कंपनियां अब नए मॉडल्स का प्रोडक्शन कर रही हैं। बॉश, सीमेंस और हिताची जैसे अप्लायंस ब्रांड्स अपने प्रोडक्ट्स की कीमतें 3-8% तक बढ़ा रहे हैं। वहीं, अगले महीने से दूसरी कंपनियां भी ऐसा करना को सोच रही हैं।

IDC इंडिया के रिसर्च डायरेक्टर नवकेंद्र सिंह ने कहा कि फेस्टिवल सीजन में पेश किए जाने वाले स्मार्टफोन और लैपटॉप पर कंपनियों ने पहले ही हाई इनपुट कॉस्ट और माल ढुलाई की लागत को शामिल कर लिया है। वहीं, कंपनियों ने कुछ मौजूदा प्रोडक्ट्स पर भी कीमतें बढ़ा दी हैं। टीवी, एयर कंडीशनर और होम अप्लायंस जैसे रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन और माइक्रोवेव ओवन की कीमतों में 3-7% की बढ़ोतरी होना तय है। कुछ कंपनियां अगले महीने की प्राइस टैग में बदलाव कर सकती हैं।

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