कामयाबी का टीका:देश में कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने वालों की संख्या सिंगल डोज लगवाने वालों से ज्यादा हुई

देश ने कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीनेशन कैंपेन में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह पहली बार हुआ है जब फुली वैक्सीनेटेड लोगों की संख्या एक खुराक लेने वालों से अधिक हो गई है। कोविन डैशबोर्ड के डेटा के मुताबिक, कोरोना टीके की अब तक 113 करोड़ से ज्यादा खुराक लगाई जा चुकी है। 38.07 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग गई है और 37.47 करोड़ लोगों को अभी तक एक खुराक ही दी गई है।

भारत में करीब 94 करोड़ युवा आबादी है। इस तरह अब तक देश के 40.3% वयस्कों का फुली वैक्सीनेशन हो चुका है और 40.2% को फिलहाल एक ही डोज लगी है। इस बीच, देश में मंगलवार को 10,351 नए कोरोना केस मिले। अब तक 3.45 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 4.64 लाख लोगों की मौत हुई है।

भारत की 26.8% आबादी फुली वैक्सीनेटेड
अवर वर्ल्ड इन डाटा के मुताबिक, भारत की करीब 54.1% आबादी को कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक डोज लग चुकी है, जबकि 26.8% आबादी फुली वैक्सीनेटेड है। इन आंकड़ों का वैश्विक औसत क्रमश: 52.2% और 40.9% है। इसका मतलब यह है कि भारत टोटल कवरेज में वैश्विक औसत से आगे है, जबकि फुली वैक्सीनेशन के मामले में पीछे चल रहा है।

केंद्र ने राज्यों को दिया टारगेट
देश के कुछ हिस्सों में टीकाकरण की रफ्तार धीमी है। केंद्र सरकार ने ऐसे इलाकों में वैक्सीनेशन को तेज गति से आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है। केंद्र ने सभी राज्यों को नवंबर के अंत तक 90% आबादी को कम से कम एक डोज लगाने का निर्देश दिया है।

अब तक कैसी रही वैक्सीनेशन की रफ्तार?
देश में 16 जनवरी से वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत हुई। शुरुआती 20 करोड़ वैक्सीन डोज 131 दिन में लगे। अगले 20 करोड़ डोज 52 दिन में दिए गए। 40 से 60 करोड़ डोज देने में 39 दिन लगे। 60 करोड़ से 80 करोड़ डोज देने में सबसे कम महज 24 दिन लगे। अब 80 करोड़ से 100 करोड़ होने में 31 दिन लग रहे हैं। यानी अब रफ्तार कम हो गई है। अगर इसी रफ्तार से वैक्सीनेशन होता रहा तो देश में 216 करोड़ वैक्सीन डोज लगने में करीब 175 दिन और लगेंगे। यानी, 5 अप्रैल 2022 के आसपास ये आंकड़ा हम पार कर सकते हैं।

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