कानपुर में जीका वायरस के केसों में बढ़ोतरी, 79 पहुंची संक्रमितों की संख्या

कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) जिले में शनिवार को 13 और लोगों के संक्रमित होने के साथ जिले में जीका वायरस (Zika virus) के मरीजों की संख्या बढ़कर 79 हो गई है. बताया जा रहा है कि चकेरी क्षेत्र में आज 13 नए संक्रमित मरीज आए है. इससे पहले शुक्रवार को संक्रमितों जीका संक्रमितों की कुल संख्या 66 थी. जिलाधिकारी विशाख जी. अय्यर ने बताया कि जिले में जीका वायरस संक्रमण का पहला मामला 23 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी में पाया गया था, तब से अब तक यह संख्या बढ़कर 79 हो गई है.

प्रशासन इसकी रोकथाम के लिए अलर्ट हो गया है. स्वास्थ्य विभाग को जांच के खास निर्देश दिए गए हैं. स्टेशन, बस स्टेशनों पर खास नजर रखे जाने के निर्देश दिए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने चकेरी क्षेत्र के जीका प्रभावित मोहल्ले हरजेंदर नगर, एयरफोर्स परिसर, पोखरपुर, लालकुर्ती, मोतीनगर, अशरफाबाद, आदर्शनगर आदि से सैंपल भेजे थे. जिसके बाद व्यक्तियों की रिपोर्ट जीका पॉजिटिव आई है. वायुसेना केन्द्र के आसपास के इलाकों में लोगों के नमूने एकत्र किये गये थे, जिन्हें जांच के लिये लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय भेजा गया था.

प्रभावी कदम उठाने के दिए आदेश
अय्यर ने बताया कि जीका वायरस से संक्रमित लोगों में 45 पुरुष और 21 महिलाएं शामिल हैं. यह वायरस मच्छरों से फैलता है. मच्छरों के नाश के लिये अभियान चलाया जा रहा है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की टीम बुखार के मरीजों और गम्भीर रूप से बीमार लोगों को चिह्नित कर उनका इलाज कर रही है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निगरानी और वायरस की जांच के लिये घर-घर जाकर नमूने लेना सुनिश्चित करने के आदेश दिये गये हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जीका वायरस का प्रकोप फैलने से रोकने के लिये त्वरित और प्रभावी कदम उठाने के आदेश दिए हैं.

सीएम योगी ने टीम-9 के अधिकारियों को दिए निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को टीम-9 के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कानपुर में जीका वायरस से संक्रमण तेजी से फैल रहा है. ऐसे में विशेष सतर्कता की जरूरत है. डेंगू की टेस्टिंग और तेज की जाए. अस्वस्थ लोगों के उपचार के लिए सभी अस्पतालों में प्रबंध किए गए हैं. सीएम ने कहा कि हर एक मरीज के स्वास्थ्य की सतत निगरानी की जाए. सर्विलांस को बेहतर करने की जरूरत है. बचाव के लिए व्यापक स्वच्छता, सैनिटाइज़ेशन और फॉगिंग का कार्य सतत जारी रखें. निगरानी समितियों का पूरा सहयोग लिया जाए.

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