किसानों के लिए रिण राशि में वृद्धि, अधिक कृषि उत्पादों का निर्यात होगा

नई दिल्ली, सरकार ने किसानों को पर्याप्त रिण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए वित्त वर्ष 2022 में कृषि रिण की सीमा बढाकर 16.5 लाख करोड रुपये कर दी है । इसके साथ ही पशुपालन , डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्र में और अधिक रिण उपलब्ध कराया जायेगा ।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में पेश बजट में कहा कि किसानों को अधिक से अधिक रिण सुविधा कराने के प्रयास किये जा रहे हैं । पहले कृषि रिण की राशि 15 लाख करोड़ रुपये था । उन्होंने कहा कि आपरेशन ग्रीन योजना का दायरा बढाया गया है और निर्यात किये जाने वाले कृषि उत्पादों में 22 और उत्पादों को शामिल किया गया है । पहले आलू, प्याज और टमाटर को इस योजना में शामिल किया गया था ।

उन्होंने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई योजना की राशि में 5000 करोड़ रुपये की और वृद्धि की गयी है । इस योजना के लिए पहले यह राशि 5000 करोड़ रुपये निर्धारित थी । ग्रामीण अवसंरचना कोष की राशि के लिए आवंटन 30000 करोड़ रुपये से बढाकर 40 हजार करोड़ रुपये किया गया है ।

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सरकार का पशुपालन , डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्र में रिण की राशि 30 हजार करोड़ रुपये से बढाकर 40 हजार करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है ।

उन्होंने कहा कि सरकार ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के निर्धारण में मूलभूत परिवर्तन किये हैं । न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद का कार्य तेजी से जारी है इसके परिणामस्वरूप किसानों को पर्याप्त भुगतान किए जाने के मामले में बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2020-21 में किसानों को कुल 75,060 करोड़ रुप का भुगतान किया गया।

गेहूं उत्पादन करने वाले लाभान्वित किसानों की संख्या 2019-20 में 35.57 लाख से बढ़कर 2020-21 में 43.36 लाख हाे गई है। दाल की खरीदारी पर वर्ष 2014 में 236 करोड़ रुपए खर्च हुए । इस साल 10 हजार 500 करोड़ रुपए की खरीदारी करने के प्रयास किये जा रहे हैं । दालों की खरीद में 40 गुना इजाफा हुआ है ।

उन्होंने कहा कि धान खरीदारी पर वर्ष 2013-14 में 63 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए। इस बार यह बढ़कर एक लाख 45 हजार करोड़ रुपए हो चुका है। यह आंकड़ा एक लाख 72 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। इस बार 1.5 करोड़ किसानों को इसका फायदा हुआ है ।

कपास के किसानों को मिलने वाली राशि में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई। वित्त वर्ष 2021-22 में कपास खरीद योजन को सभी राज्यों में लागू किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मुूल्य के निर्धारण में मूलभूत परिवर्तन किये हैं । न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद का कार्य तेजी से जारी है इसके परिणामस्वरूप किसानों को पर्याप्त भुगतान किए जाने के मामले में बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2020-21 में किसानों को कुल 75,060 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।

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