मार्च में कोरोना मरीजों की संख्या भारत में हर रोज 2 लाख तक जा सकती है

नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं. कोरोना के नए वेरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ की वजह से दैनिक मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. साल के पहले दिन 1 जनवरी को देश में कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में 22,775 नए मामले सामने आए जो छह अक्टूबर के बाद से सार्वाधिक हैं. देश में अब उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी बढ़कर एक लाख के आंकड़े को पार कर गई है. इसके साथ ही वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रॉन’ के 161 नए मामले सामने आने के बाद इससे जुड़े मामलों की संख्या बढ़कर 1431 हो गई है.

कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि महामारी की तीसरी लहर ने पहले ही दस्तक दे दी है और ओमिक्रॉन ने डेल्टा वेरिएंट का स्थान लेना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं, विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि फरवरी या मार्च महीने में कोरोना से संक्रमित होने वालों मरीजों की संख्या अपने चरम पर होगी और उस दौरान प्रतिदिन आने वाले मामलों की तादाद दो लाख तक पहुंच सकती है.

केंद्र ने राज्यों से तैयार रहने को कहा
दो दिसंबर को देश में ओमिक्रॉन स्वरूप के पहले दो मामलों की घोषणा किये जाने के बाद से स्वास्थ्य मंत्रालय एक मिशन मोड में काम कर रहा है. 15 दिसंबर के आसपास दैनिक कोरोना मरीजों की संख्या करीब 6000 थी, लेकिन अब अचानक से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं. हालात को देखे हुए केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सचेत किया है कि कोरोना के मामलों में वृद्धि हो सकती है, इसलिए सभी को तैयार रहने की जरूरत है.

स्वास्थ्य मंत्रालय का ‘वॉर रूम’ चौबीस घंटे कर रहा काम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नियमित रूप से देश भर में कोविड-19, ओमीक्रोन की स्थिति और स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठकें कर रहे हैं. वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया विशेषज्ञ टीमों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रतिदिन स्थिति की समीक्षा करते हैं. वह दवाओं और वेंटिलेटर के भंडार और ऑक्सीजन की उपलब्धता पर भी जानकारी लेते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय का ‘वॉर रूम’ चौबीस घंटे काम कर रहा है और सभी रुझानों और बढ़ोतरी का विश्लेषण कर रहा है तथा देशव्यापी स्थिति की निगरानी कर रहा है.

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर क्या कहते हैं विशेषज्ञ
कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की राय बंटी हुई है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल से जब महामारी की तीसरी लहर की संभावना पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि कितने लोगों का टीकाकरण हो चुका है. उन्होंने कहा कि अभी के समय में टीकाकरण ही संक्रमण को रोकने का सबसे अचूक उपाय है. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन पर भी जोर दिया. वहीं, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी तो होगी, लेकिन यह डेल्टा की तुलना में ज्यादा गंभीर नहीं है.

तीसरी लहर पर आईआईटी कानपुर ने क्या कहा
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में यह दावा किया है कि भारत में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर अगले साल तीन फरवरी तक चरम पर हो सकती है. हालांकि, यह पूर्वानुमान इस धारणा पर आधारित है कि भारत में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप से प्रभावित अनेक देशों में मामलों में बढ़ोतरी की प्रवृत्ति देखने को मिलेगी.

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