मन की बात में PM मोदी बोले- संस्कृत भाषा सरस भी, सरल भी, राष्ट्र की एकता को मजबूत भी करती है

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज एक बार फिर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात (Mann Ki Baat) के जरिए राष्‍ट्र को संबोधित कर रहे हैं. मन की बात कार्यक्रम के 80वें संस्‍करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों और वैक्‍सीनेशन पर चर्चा करेंगे. हर बार की तरह ही मन की बात कार्यक्रम सुबह 11 बजे आकाशवाणी और दूरदर्शन के पूरे नेटवर्क और आकाशवाणी समाचार और मोबाइल ऐप पर भी प्रसारित किया जा रहा है.

पिछली बार मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि मन की बात एक ऐसा माध्‍यम है, जहां सकारात्‍मकता है, संवेदनशीलता है. मन की बात में हम पॉजिटिव बाते करते हैं. सकारात्‍मक विचारों और सुझावों के लिए भारत के युवाओं की ये सक्रियता मुझे आनंदित करती है. मुझे इस बात की भी खुशी है कि मन की बात के माध्‍यम से मुझे युवाओं के मन को भी जानने का अवसर मिलता है.

मन की बात कार्यक्रम का आकाशवाणी, दूरदर्शन समाचार, प्रधानमंत्री कार्यालय और सूचना तथा प्रसारण मंत्रालय के यू-ट्यूब चैनलों पर भी सीधे प्रसारण के माध्यम से देखा और सुना जा सकता है. हिंदी प्रसारण के तुरंत बाद आकाशवाणी से इसे क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारित किया जाएगा. इस कार्यक्रम को क्षेत्रीय भाषाओं में रात आठ बजे फिर से सुना जा सकता है.

मन की बात कार्यक्रम के 80वें संस्‍करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों और वैक्‍सीनेशन पर चर्चा कर सकते हैं. बता दें कि केरल में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसे देखते हुए वैज्ञानिकों ने तीसरी लहर की चेतावनी जारी की है.

पिछली बार मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि मन की बात एक ऐसा माध्‍यम है, जहां सकारात्‍मकता है, संवेदनशीलता है. मन की बात में हम पॉजिटिव बाते करते हैं. सकारात्‍मक विचारों और सुझावों के लिए भारत के युवाओं की ये सक्रियता मुझे आनंदित करती है.

मन की बात कार्यक्रम के जरिए पीएम मोदी ने कहा, कितने ही पदक क्यों न मिल जाएं, लेकिन जब तक हॉकी में पदक नहीं मिलता भारत का कोई भी नागरिक विजय का आनंद नहीं ले सकता है. इस बार ओलंपिक में हॉकी का पदक मिला, चार दशक के बाद मिला. आप कल्पना कर सकते हैं मेजर ध्यानचंद जी के दिल पर, उनकी आत्मा पर, वो जहां होंगे, वहां कितनी प्रसन्नता होती होगी.

पीएम मोदी ने कहा, जब खेल-कूद की बात होती है तो स्वाभाविक है हमारे सामने पूरी युवा पीढ़ी नजर आती है और जब युवा पीढ़ी की तरफ गौर से देखते हैं कितना बड़ा बदलाव नजर आ रहा है. युवा का मन बदल चुका है और आज का युवा मन घिसे-पिटे पुराने तौर तरीकों से कुछ नया करना चाहता है, हटकर के करना चाहता है.

पीएम मोदी ने कहा, आज का युवा पुराने बने हुए रास्तों पर चलना नहीं चाहता है. वो नए रास्ते बनाना चाहता है. नई जगह पर कदम रखना चाहता है. मंजिल भी नई, लक्ष्य भी नए, राह भी नई और चाह भी नई. आज का युवा एक बार जब मन में ठान लेता है तो जी-जान से जुट जाता है. दिन-रात मेहनत कर रहा है

पीएम मोदी ने कहा, कल जन्माष्टमी का महापर्व भी है. जन्माष्टमी का ये पर्व यानी, भगवान श्री कृष्ण के जन्म का पर्व है. हम भगवान के सब स्वरूपों से परिचित हैं, नटखट कन्हैया से ले करके विराट रूप धारण करने वाले कृष्ण तक. शास्त्र सामर्थ्य से ले करके शस्त्र सामर्थ्य वाले कृष्ण तक.

पीएम मोदी ने कहा, दुनिया के लोग जब आज भारतीय अध्यात्म और दर्शन के बारे में इतना कुछ सोचते हैं, तो हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम अपनी इन महान परम्पराओं को आगे लेकर जाएं. जो कालबाह्यी है, उसे छोड़ना ही है, लेकिन जो कालातीत है उसे आगे भी ले जाना है. हम अपने पर्व मनाएं, उसकी वैज्ञानिकता को समझे, उसके पीछे के अर्थ को समझें. इतना ही नहीं हर पर्व में कोई न कोई सन्देश है, कोई-न-कोई संस्कार है. हमें इसे जानना भी है, जीना भी है और आने वाली पीढ़ियों के लिए विरासत के रूप में उसे आगे बढ़ाना भी है.

पीएम मोदी ने कहा, इस कोरोना कालखंड में स्वच्छता के विषय में मुझे जितनी बातें करनी चाहिए थी लगता है शायद उसमें कुछ कमी आ गई थी. मुझे भी लगता है कि स्वच्छता के अभियान को हमें रत्ती भर भी ओझल नहीं होने देना है. राष्ट्र निर्माण के लिए सबका प्रयास कैसे सबका विकास करता है इसके उदाहरण हमें प्रेरणा भी देते हैं और कुछ करने के लिए एक नई ऊर्जा भर देते हैं, नया विश्वास भर देते हैं, हमारे संकल्प में जान फूंक देते हैं.

पीएम मोदी ने कहा, हम ये भलीभांति जानते हैं कि जब भी स्वच्छ भारत अभियान की बात आती है तो इंदौर का नाम आता ही आता है, क्योंकि इंदौर ने स्वच्छता के संबंध में अपनी एक विशेष पहचान बनाई है. इंदौर के नागरिक इसके अभिनन्दन के अधिकारी भी हैं. हमारा ये इंदौर कई वर्षों से ‘स्वच्छ भारत रैंकिंग’ में पहले नम्बर पर बना हुआ है. अब इंदौर के लोग स्वच्छ भारत के इस रैंकिंग से संतोष पाकर के बैठना नहीं चाहते हैं वे आगे बढ़ना चाहते हैं, कुछ नया करना चाहते हैं.  उन्होंने ‘Water Plus City, बनाए रखने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज जब हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो हमें ये याद रखना है कि स्वच्छ भारत अभियान के संकल्प को हमें कभी भी मंद नहीं पड़ने देना है. हमारे देश में जितने ज्यादा शहर ‘Water Plus City’ होंगे उतना ही स्वच्छता भी बढ़ेगी, हमारी नदियां भी साफ होंगी और पानी बचाने की एक मानवीय जिम्मेवारी निभाने के संस्कार भी होंगे.

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