एक हफ्ते में बनारस के सभी जर्जर मकानों किया जाएगा ध्वस्त, जाने क्या है वजह

वाराणसी. धर्मनगरी वाराणसी में अब एक हफ्ते के भीतर सभी जर्जर मकानों को ध्वस्त कर दिया जाएगा. इसके लिए एक हफ्ते का समय मकान मालिक को दिया गया है. एक हफ्ते के बाद नगर निगम उस इमारत को ध्वस्त करेगा और उसका सारा खर्च भवन मालिकों को देना होगा. माना जा रहा है कि निर्माणाधीन विश्वनाथ धाम (Vishwanath Corridor) में मंगलवार सुबह एक जर्जर भवन का एक हिस्सा गिरने से हुए हादसे के बाद ये निर्णय लिया गया है. इस हादसे में दो मजदूरो की मौत हो गई थी, जबकि 8 मजदूर घायल हो गए.

बरसात के मौसम से पहले ऐसी इमारतों के चिन्हीकरण से लेकर उनके की कार्रवाई की औपचारिकता हर साल होती है, लेकिन इस बार हादसे के कुछ घंटे के बाद डीएम वाराणसी ने खुद आगे आते हुए यह आदेश जारी किया है. डीएम वाराणसी कौशल राज शर्मा ने नगर आयुक्त गौरांग राठी को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने आदेश दिया है कि बनारस में ऐसे जर्जर भवनों का सर्वे कराकर नोटिस भेजा गया होगा लेकिन बहुत से भवन स्वामियों ने अब तक ऐसे मकानों को ध्वस्त नहीं कराया होगा. आने वाले मौसम को देखते हुए इन भवनों में रहने वाले और इनके आसपास के निवासियों को खतरा है. इसलिए ये जरूरी है कि ऐसे लोग अपने निजी खर्चे पर भवनों को गिरा दें. यह कार्रवाई अगले एक हफ्ते में पूरी कर लें. अगर एक हफ्ते के भीतर भवन स्वामी खुद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई न करें तो नगर निगम अपने संसाधनों से मकान और इमारत को गिरा दें और उसका पूरा खर्चा मकान मालिक से वसूला जाए.

यही नहीं अगले दो दिन में जोनवार ऐसे नए भवनों का सर्वे कर गिनती करके जानकारी भेजें, जिनको अभी तक नोटिस नहीं भेजी गई है. निर्माणाधीन विश्वनाथ धाम में हुए हादसे के चंद घंटों बाद डीएम का एक्शन में आना इस घटना से जोड़कर ही देखा जा रहा है. बता दें कि खुद हादसे के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल से बातचीत कर न केवल मृतक मजदूरों के परिवार के प्रति संवेदना जाहिर की बल्कि हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया है.

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