अमेरिकी सैनिक पाक पहुंचे:

इमरान ने जून में US को एयरबेस या दूसरी सुविधाएं देने से साफ इनकार किया था, अब लोग उनके नए यू टर्न पर तंज कस रहे

30 अगस्त की रात अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट से टेकऑफ करने वाले कई मिलिट्री एयरक्राफ्ट्स ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के एयरपोर्ट पर लैंडिंग की। यहां से अमेरिकी सैनिक निकले और बड़े होटलों में पहुंच गए। अब तक ये सैनिक यहीं बताए गए हैं। इस्लामाबाद एयरपोर्ट पर मौजूद अमेरिकी सैनिकों के कुछ फोटोग्राफ्स सोशल मीडिया पर लीक हुए। इसके बाद लोग इस अपने वजीर-ए-आजम यानी प्राइम मिनिस्टर इमरान का एक और यू-टर्न बताने लगे। इसकी वजह भी वाजिब है। इमरान ने कुछ महीने पहले कहा था कि वो अमेरिका को न तो कोई एयरबेस देंगे और न कोई दूसरी सुविधा। इस बार भी उन्हें अमेरिका के सामने झुकना पड़ा।

काबुल से इस्लामाबाद
30 अगस्त की रात काबुल एयरपोर्ट से उड़ने वाले कई अमेरिकी सैन्य विमान सीधे इस्लामाबाद एयरपोर्ट पहुंचे। सभी सैनिक यूनिफॉर्म में थे। मीडिया को यहां से दूर रखा गया था। इसके बावजूद कुछ फोटोग्राफ्स सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। अमेरिकी सैनिकों के साथ काफी सामान भी था। कुछ देर एयरपोर्ट पर रुकने के बाद ये सैनिक इस्लामाबाद की कई होटलों में पहुंचे और यहीं रुके। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब प्रांत की पुलिस के विशेष दस्ते इन्हें सुरक्षा मुहैया करा रहे हैं। अमेरिकी सैनिकों के पास हथियार भी बताए जाते हैं।

मीडिया परेशान
पाकिस्तान में इस वक्त मेन स्ट्रीम मीडिया पर कई पाबंदियां हैं। सरकार इसे दबाने के लिए कुछ दिन पहले एक बिल भी संसद में ला चुकी है। शायद इसी दबाव में मेन स्ट्रीम मीडिया ने इस खबर को ज्यादा नहीं उछाला। हालांकि, सोशल मीडिया और खासकर यू ट्यूब पर वीडियो ब्लॉगर्स ने इमरान की खूब खबर ली।

पाकिस्तान में ‘एब्सल्यूटली नॉट टू व्हाय नॉट मेरी जान’ के हैशटैग भी ट्रेंड करते रहे। इसके जरिए लोग बता रहे थे कि कैसे यू टर्न प्राइम मिनिस्टर ने अपने नाम को सार्थक किया है। इनमें जानेमाने पत्रकारों के अलावा आम लोग भी शामिल थे।

बाइडेन ने नहीं किया इमरान को फोन
इमरान और उनके मंत्री लगातार इस बात से परेशान हैं कि जो बाइडेन ने राष्ट्रपति बनने के बाद तमाम राष्ट्राध्यक्षों को तो फोन किए, लेकिन इमरान को नहीं। इतना ही नहीं सीआईए चीफ और कई अमेरिकी आला अफसर पाकिस्तान आए तो आर्मी और आईएसआई चीफ से मिले, लेकिन इमरान को तव्ज्जो नहीं दी।

अमेरिकी सैनिकों के इस्लामाबाद पहुंचने पर एक यूजर ने लिखा- परवेज मुशर्रफ के दौर की याद आ गई। अरब न्यूज के सीनियर जर्नलिस्ट जावेद हसन ने लिखा- दावे सोच समझकर ही करने चाहिए। तैमूर रहमान ने कहा- एब्सल्यूटली नॉट का अंजाम इस्लामाबाद एयरपोर्ट देखिए।

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