आखिर इमरान खान को करनी पड़ी भारत की तारीफ, जानिए वजह

पाकिस्तान: विपक्ष को घेरते-घेरते भारत की तारीफ करने लगे पीएम इमरान, बोले- उनकी विदेश नीति जनता की भलाई वाली

गौरतलब है कि यूक्रेन को लेकर रूस और पश्चिमी देशों के बीच छिड़े तनाव को लेकर भारत ने अब तक किसी का पक्ष नहीं लिया है। हालांकि, भारत की तरफ से युद्ध को खत्म करने और बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने की मांग की जाती रही है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस वक्त देश में चौतरफा चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। विपक्ष के साथ-साथ उनकी अपनी पार्टी के सांसदों ने भी उनकी खिलाफत शुरू कर दी है। इस बीच रविवार को खैबर पख्तूनख्वा के मलकंद इलाके में एक सार्वजनिक सभा के दौरान इमरान खान ने भारत की तारीफ शुरू कर दी। पाक पीएम ने विपक्ष को गलत नीतियों पर घेरते हुए हिंदुस्तान की विदेश नीति को लोगों के हित की नीति करार दिया। इतना ही नहीं उन्होंने बड़े देशों के विवाद में भारत को इशारों में तटस्थ तक कह दिया।

क्या रहा इमरान का बयान?
इमरान खान ने रैली के दौरान कहा, “साथ वाला हमारा मुल्क है हिंदुस्तान। मैं आज हिंदुस्तान को दाद देता हूं। इन्होंने हमेशा आजाद विदेश नीति रखी है। आज हिंदुस्तान उनके साथ (बड़ी ताकतों के साथ) मिला हुआ है। उनके साथ अलायड है। इमरान ने आगे कहा, “हिंदुस्तान क्वाड के अंदर अमेरिका का सहयोगी है और अपने आप को कहता है कि मैं न्यूट्रल हूं। रूस से तेल मंगवा रहा है, जबकि प्रतिबंध लगे हैं। क्योंकि हिंदुस्तान की नीति अपने लोगों की नीति है।”

गौरतलब है कि यूक्रेन को लेकर रूस और पश्चिमी देशों के बीच छिड़े तनाव को लेकर भारत ने अब तक किसी का पक्ष नहीं लिया है। हालांकि, भारत की तरफ से युद्ध को खत्म करने और बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने की मांग की जाती रही है। जहां पश्चिमी देशों ने एक के बाद एक यूक्रेन पर हमले के लिए रूस पर प्रतिबंधों का एलान किया है, तो वहीं भारत ने अपने पुराने संबंधों और तटस्थता का परिचय देते हुए रूस के साथ व्यापार जारी रखा है।

अमेरिका के प्रतिबंधों का भारत पर असर नहीं
अमेरिका ने इसी महीने की आठ तारीख को रूस से आयात किए जाने वाले तेल, गैस और कोयले पर प्रतिबध लगा दिए थे। इसके लिए व्हाइट हाउस की तरफ से विशेष आदेश भी पारित हुआ था। हालांकि, इसके बावजूद हाल ही के दिनों में भारत ने सस्ते दामों पर रूस से कच्चे तेल के आयात को भी बढ़ाया है। अमेरिका ने इस पर यह तो साफ किया कि इस खरीद पर भारत पर कोई प्रतिबंध नहीं लग सकता, लेकिन यह नहीं बताया है कि भारत इस साल उससे भी बड़ी मात्रा में तेल की खरीद कर रहा है।

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