राजभर ने जिन्ना को लेकर दिया विवादित बयान वाराणसी में बोले-

भाजपाई जिन्ना को प्रधानमंत्री बना देते तो देश का बंटवारा ही नहीं होता

वाराणसी में बुधवार को सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने विवादित बयान दिया है। राजभर ने कहा कि अगर जिन्ना को देश का पहला प्रधानमंत्री बना दिया होता, तो देश का बंटवारा न हुआ होता। कहा कि जिन्ना पर अटल जी, आडवाणी और देश के बड़े-बड़े शुभचिंतक नेता बयान देते थे। आज जिन्ना की चर्चा ही नहीं होती।

भाजपाई माफी मांग-मांग कर चाहे होते और जिन्ना को प्रधानमंत्री बना देते तो आज यह विवाद नहीं होता। बता दें कि कुछ दिन पहले अखिलेश यादव ने एक सभा में जिन्ना को स्वतंत्रता सेनानी बताया था। इसे लेकर काफी विवाद हुआ था। इस बारे में जब ओम प्रकाश राजभर से पूछा गया तो उन्होंने मीडिया के सामने अपनी बता रखी।

2 सीट कम होती तो मुख्तार का पैर पकड़ लेते
मऊ सदर विधायक माफिया मुख्तार अंसारी से जेल में मुलाकात पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा, BJP को सरकार बनाने में अगर 2 सीट भी कम होगी। तो वे तत्काल उनका पैर पकड़ लेंगे। बताया कि सरकार ने सप्ताह में 2 दिन मिलने की व्यवस्था बनाई थी। इसलिए जेल में मुख्तार से मिलने गया था। हम किसी राजनीतिक एजेंडे के तहत नहीं गए थे। दरअसल, भागीदारी पार्टी की ओर से जगतपुर मैदान में वंचित, पिछड़ा और दलित महापंचायत है, जिस पर वाराणसी में आज बैठक चल रही है।

राजभर ने और क्या कहा

वाराणसी में बुधवार को सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर।

अपना काम निकल गया तो मायावती मुख्तार को भूल गईं।बीजेपी के भी लोग मुख्तार के फाटक पर फटकते रहते हैं और तभी उनका भी कल्याण होता है।मायावती भी जब मुख्तार को अपनी पार्टी ज्वाइन कराई थी तो उस समय उन्होंने कहा था कि ये गरीबों का मसीहा है।हम तो दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों और वंचितों के नेता हैं।आजादी के बाद जिन्हें स्थान नहीं मिला है उन्हें स्थान दिलाने का काम कर रहा हूं।

मंत्री अनिल राजभर अभी बच्चा है
ओम प्रकाश राजभर ने प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर को बच्चा कहा। कहा कि बच्चा अपने समाज का है, लेकिन अभी ज्ञान नहीं है। बच्चा जब नादान होता है तो गलतियां ही करता है। उन्होंने कहा कि अनिल राजभर अभी मुख्तार अंसारी को अपराधी कैसे कह सकते हैं। क्या अदालत ने उन्हें किसी मामले में दोषी ठहराया है। यदि ऐसे अपने मन से ही अपराधी कहना है तो फिर बीजेपी में भी ऐसे लोगों की कमी नहीं है। हमें नादानी में सार्वजनिक तौर पर कोई बात नहीं कहना चाहिए। जो कुछ हम कहें वह सोच समझ कर कहें।

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