शूटिंग के बहाने हथियारों का बड़ा खेल.. कई रसूखदारों के ऊपर लटकी आर्म्स एक्ट की तलवार, खुलेंगे इनके नाम

आगरा में शूटिंग की आड़ में अवैध हथियारों के लाइसेंस बनवाने और उनके दुरुपयोग का एक बड़ा मामला सामने आया है। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने इस मामले की जांच कर कई प्रभावशाली लोगों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
फर्जी दस्तावेजों से बने हथियार लाइसेंस
एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ है कि कुछ लोगों ने खुद को शूटिंग खिलाड़ी बताकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हथियारों के लाइसेंस बनवाए। इनमें से कई लाइसेंस पुराने लाइसेंस के ‘खो जाने’ के बहाने से नए बनवाए गए, जिनमें हथियारों की खरीद और कारतूस के विवरण नहीं थे।
नामजद आरोपी और उनके खिलाफ आरोप
एसटीएफ इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा ने नाई की मंडी थाने में धोखाधड़ी और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें मोहम्मद जैद, नेशनल शूटर मोहम्मद अरशद, राजेश कुमार बघेल, भूपेंद्र, शोभित चतुर्वेदी और सेवानिवृत्त असलहा बाबू संजय कपूर को नामजद किया गया है। इन पर फर्जी तरीके से लाइसेंस बनवाने और हथियारों के दुरुपयोग के आरोप हैं।
मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुंची शिकायत
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब शिकायतकर्ता विशाल भारद्वाज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में शिकायत दर्ज कराई। विशाल का आरोप था कि भूपेंद्र सारस्वत ने उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराए और पुलिस से धमकाया। इस शिकायत के बाद मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई।
लाइसेंस खोने की कहानी और दस्तावेजों की कमी
जांच में पाया गया कि नामजद आरोपियों ने अपने पुराने लाइसेंस के ‘खो जाने’ की सूचना देकर नए लाइसेंस बनवाए। इन नए लाइसेंसों में हथियारों की खरीद, कारतूस की संख्या और अन्य आवश्यक विवरणों की कमी थी। इसके अलावा, हथियारों की खरीद से संबंधित बिल और अन्य दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं थे।
पुलिस की निष्क्रियता और धमकी के आरोप
विशाल भारद्वाज ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें बदमाश सोनू गौतम से धमकी दिलवाई गई थी। उन्होंने धमकी की रिकॉर्डिंग भी जांच के दौरान प्रस्तुत की, लेकिन पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
डीजीपी के आदेश पर कार्रवाई
एसटीएफ की विस्तृत जांच रिपोर्ट के आधार पर उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। इस कार्रवाई से स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार अवैध हथियारों के मामलों में सख्ती से पेश आ रही है।