IIIT भागलपुर बिहार के शैक्षिक दायरे को विकसित करेगा: डॉ निशंक

नई दिल्ली, 21 दिसंबर 2020: केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज यहाँ पर वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए आईआईआईटी भागलपुर के स्थायी परिसर का शिलान्यास किया एवं भूमिपूजन किया. इस अवसर पर उन्होनें कहा कि आईआईआईटी भागलपुर अभी नया है लेकिन बहुत जल्द यह उत्कृष्टता का केंद्र बन जाएगा और आज का यह आयोजन एक संवाद की शुरुआत करेगा और बिहार राज्य के शैक्षिक दायरे को विकसित करने के लिए हमारे समाज के सभी स्तरों और वर्गों के लोगों की व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा.

इस अवसर पर बिहार सरकार के माननीय शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी, भागलपुर से सांसद श्री अजय मंडल, आईआईआईटी भागलपुर के गवर्निंग बॉडी अध्यक्ष एवं उच्च शिक्षा सचिव श्री अमित खरे, आईआईआईटी भागलपुर के निदेशक प्रो अरविन्द चौबे एवं संस्थान के अन्य फैकल्टी के सदस्य, शिक्षक, छात्र-छात्रा भी उपस्थित थे.

नए स्थायी परिसर में अकादमिक ब्लॉक, प्रशासनिक ब्लॉक, व्याख्यान कक्ष, कंप्यूटर सेंटर और पुस्तकालय ब्लॉक, कार्यशाला सह-इन्क्यूबेशन सेंटर, बालिका एवं बालक छात्रावास, संकाय के लिए निवास स्थान और निदेशक का बंगला शामिल हैं.

वर्तमान में यह संस्थान द्वारा वर्तमान में कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग और मेक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग जैसे तीन शाखाओं में बी.टेक कार्यक्रम चलाया जा रहा है. संस्थान अगले शैक्षणिक सत्र से पीजी और पीएचडी कार्यक्रम भी शुरू करेगा. आईआईआईटी भागलपुर के स्थायी परिसर के निर्माण के बाद, यह संस्थान देश के विभिन्न राज्यों के लगभग 600 छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान कर सकता है. इसकेअलावा, बिहार राज्य के छात्रों को पढ़ाई के लिए बिहार से बाहर भी नहीं जाना पड़ेगा.

माननीय मंत्री जी ने कहा, “मुझे आशा है कि नया भवन परिसर को समृद्ध करेगा. इस इमारत में तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ भारतीय विद्या-धर्मियों की झलक भी होगी. भवन की आकृति इस प्रकार से डिजाइन और निर्मित की जाएगी जिसमें विक्रमशिला, मधुबनी चित्र आदि जैसे स्थानीय महत्व की चीजें शामिल हों. आईआईआईटी भले ही अभी नया हो, लेकिन मुझे यकीन है कि जल्द ही यह पेटेंट के क्षेत्र में भी आगे बढ़ेगा और आगे चलकर यह नालंदा और विक्रमशिला की तरह ही शोध का केंद्र बन जाएगा.”

आईआईआईटी भागलपुर की प्रशंसा करते हुए डॉ निशंक ने कहा, “आईआईआईटी भागलपुर नवाचार और अनुसंधान के लिए लगातार काम कर रहा है. जब पूरा देश एकजुट होकर कोविड -19 महामारी से लड़ रहा है तो आईआईआईटी भागलपुर ने एक डिटेक्शन सॉफ्टवेयर बनाया है जो वर्तमान में आईसीएमआर में सिफारिश के लिए प्रक्रिया में है. इसके अलावा इस संस्थान ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को भी लागू करना शुरू कर दिया है और यह बेहद सराहनीय है कि आईआईआईटी भागलपुर ने SAI इंटर्नशिप (सोसाइटी – एकेडेमिया – इंडस्ट्री इंटर्नशिप) नामक एक नई पहल शुरू की है, जिसे यूजी छात्रों के पाठ्यक्रम में पेश किया गया है.”

इसके अलावा माननीय मंत्री जी ने सभी को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में बताया और आईआईआईटी भागलपुर के सभी अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा के माध्यम से भविष्य के निर्माण और राष्ट्र निर्माण के मार्ग पर, आप सभी को सफलतापूर्वक विकास करना चाहिए.

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