राजस्थान में नियम विरुद्ध पटाखे बेचे या चलाये तो भरना पड़ेगा इतना भारी जुर्माना

जयपुर. राजस्थान में इस बार भले ही दिवाली पर ग्रीन पटाखे (Green Crackers) छोड़ने की छूट मिल गई हो, लेकिन नियम विरुद्ध पटाखे बेचने और चलाने दोनों पर आपको भारी जुर्माना (Heavy Fine) भी भरना पड़ सकता है. राजस्थान सरकार ने इस संबंध में शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी है. इसके तहत नियम विरुद्ध पटाखे बेचने पर 10 हजार रुपये और चलाने पर 2 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा. दिवाली पर सरकार ने पटाखे छोड़ने के लिये दो घंटे का समय तय किया है. इसके तहत रात 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे छोड़े जा सकेंगे. नियमों का उल्लंघन ना हो इसके लिये सरकार निगरानी के भी पुख्ता व्यवस्था करेगी.

अधिसूचना के मुताबिक एनसीआर क्षेत्र में किसी भी तरह की आतिशबाजी बेचने पर पूर्णतया प्रतिबंध लागू हैं. शेष राज्य में केवल ग्रीन आतिशबाजी की बिक्री की जा सकती है. दोनों ही मामलों नियमों का उल्लंघन पाये जाने पर विक्रेता पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा. इसी तरह से एनसीआर क्षेत्र में किसी भी तरह की आतिशबाजी करने पर पूर्णतया प्रतिबंध है. एनसीआर के अलावा शेष राज्य में ग्रीन आतिशबाजी के अलावा किसी तरह की आतिशबाजी करते हुये पाया जाता है तो उस पर दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा

अन्य पर्वों पर पटाखे चलाने का यह रहेगा समय
उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार ने प्रदेश में दीपावली पर दो घंटे ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति प्रदान की है. इसके तहत राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के एनसीआर क्षेत्र को छोड़कर दिवाली पर रात को 8 से 10 बजे तक दो घंटे ग्रीन पटाखों को चलाने की अनुमति प्रदान की गई है. इसके साथ ही क्रिसमस एवं नववर्ष पर रात 11.55 से 12.30 बजे तक, गुरू पर्व पर रात 8 से 10 बजे तक और छठ पर्व पर सुबह 6 से 8 बजे तक ग्रीन पटाखा चलाने की अनुमति दी गई है. गृह विभाग ने इस संबंध में पहले आदेश जारी किये थे. उसके बाद शनिवार को इसके संशोधित आदेश जारी किये गये हैं.

गृह विभाग ने अधिकतम छूट दी है
इस बार जिस शहर में एयर क्वालिटी पूअर या उससे खराब है, वहां पर उस दिन आतिशबाज़ी पर रोक रहेगी. सुप्रीम कोर्ट एवं एनजीटी के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए गृह विभाग ने अधिकतम छूट देते हुए ग्रीन पटाखों को चलाने की अनुमति प्रदान की है. ग्रीन पटाखों का प्रमाणन केंद्र सरकार की एजेंसी सीएसआईआर-नीरी की ओर से दिया जाता है. राज्य में 12 पटाखा उत्पादकों को यह प्रमाण-पत्र दिया जा चुका है. इन उत्पादकों को पीईएसओ से पटाखा बनाने के लिए लाइसेंस भी लेना होता है. राज्य के 9 उत्पादकों के पास पीईएसओ से लाइसेंस है.

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