कांग्रेस सत्ता में आई तो माफ होंगे किसानों के कर्जे’, ललितपुर में किसान परिवारों से की मुलाकात

ललितपुर. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) शुक्रवार को ललितपुर (Lalitpur) के दौरे पर पहुंचीं. वे जिले पाली और नयागांव जाकर पीड़ित किसान परिवारों से मिलीं. खाद के लिए लाइन में लगने के दौरान एक किसान की कथित रूप से मौत हो गई थी. पीड़ित किसान परिवारों से मिलने के बाद प्रियंका गांधी ने संवाददाताओं से बात की और प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि, बुंदेलखंड में किसानों के हालात खराब हैं. खाद के लिए लंबी लाइनें लगी हैं, खाद चोरी हो रही है, किसान परेशान है. 1200 रुपये की खाद किसान 2000 रुपए में खरीदने को मजबूर है.

बुंदेलखंड में किसानों की मौत के बाद शुक्रवार को कांग्रेसी नेता प्रियंका गांधी जिले के पाली कस्बे में पहुंची. उन्होंने किसान बल्लू पाल के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी. बल्लू पाल ने खाद की किल्लत के चलते फांसी लगाकर जान दे दी थी. इस दौरान प्रियंका गांधी ने नयागांव और मैलवारा खुर्द के मृतक किसानों के परिजनों से भी मुलाकात की. मैलवारा खुर्द के किसान सोनी अहिरवार ने 3-4 दिन से लाइन में लगने के बावजूद खाद न मिलने के कारण मानसिक तनाव में फांसी लगा ली थी. महेश कुमार बुनकर भी खाद नहीं मिलने से बहुत परेशान थे, उनकी भी मौत हो गई. करीब पौने घण्टे की मुलाकात में उन्होंने किसान परिवारों को ढाढस बंधाया. इसके बाद पत्रकारों से बात करते प्रियंका प्रदेश की बीजेपी सरकार पर जमकर बरसीं. उन्होंने कहा कि यूपी की बीजेपी सरकार पूरी तरह से फेल है.

खाद की जबरदस्त किल्लत है. किसान परेशान है. मृतक बल्लू पाल भी भूखा, प्यासा 3 4 दिन से खाद की दुकान पर लाइन में लगा था. जब खाद नहीं मिला तो उसने निराश होकर सुसाइड कर ली. यही स्थिति मैलवारा खुर्द के किसान के साथ भी हुई. नया गांव का किसान लाइन में लगा था, उसे हार्ट अटैक आ गया. बीजेपी के शासन में किसान परेशान है. अधिकारी खाद की कालाबाजारी करवा रहे हैं. किसान कर्ज में है, आत्महत्या करने को मजबूर है. यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में कांग्रेस की सरकार बनी तो किसानों के कर्जे माफ किए जाएंगे.

बुंदेलखंड में पड़ने वाले ललितपुर में खाद के लिए 2 दिनों से एक दुकान के आगे लाइन में खड़े किसान भोगीपाल की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. 53 साल के भोगी पाल लंबे समय से खाद के लिए परेशान थे. दर-दर भटकने के बाद भी जब उन्हें फसल के लिए खाद नहीं मिली, तो वे जुगपुरा की एक दुकान पर दो दिनों से लाइन लगकर खाद खरीदने का प्रयास कर रहे थे.

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