ICICI बैंक नें कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के खिलाफ किया FIR , जानें वजह

नई दिल्ली. घोटाले से घिरे कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लि. (KSBL) के प्रमोटर सी पार्थसारथी तथा अन्य के खिलाफ आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) के साथ 563 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के अनुसार आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (विश्वास के आपराधिक हनन), धारा 420, 34 के साथ पढ़े (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

ये है आरोप
पुलिस ने कहा कि केएसबीएल ने अपने छह बैंकरों के शेयर गिरवी रखकर जो राशि जुटाई उसे फर्म के ही बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया गया, ‘स्टॉक ब्रोकर के ग्राहक खाते’ में नहीं डाला गया. यह सेबी के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है. यह मामला साइबराबाद की आर्थिक अपराध शाखा को स्थानांतरित किया गया और इसकी जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई गई.

पार्थसारथी को इंडसइंड बैंक से लिए गए 137 करोड़ रुपये के ऋण के भुगतान की चूक के मामले में 19 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. संयुक्त पुलिस आयुक्त (जासूसी विभाग) अविनाश मोहंती ने कहा कि सी. पार्थसारथी को 2019 में इंडसइंड बैंक से लिए गए कर्ज को न चुकाने और फंड को किसी दूसरे बैंक को देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

एचडीएफसी बैंक ने भी उनके खिलाफ दो ऐसे ही मामले दर्ज कराए हैं. दो बैंकों से कुल 587 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में यह गिरफ्तारी की गई है. एचडीएफसी बैंक ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि कार्वी ने कुल मिलाकर 350 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जबकि इंडसइंड बैंक से 237 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की. अधिकारी ने बताया कि बैंकों ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि पार्थसारथी के कार्वी समूह ने गैरकानूनी तरीके से अपने ग्राहकों के शेयर गिरवी रखे और कर्ज लिया. कर्ज राशि को दूसरी कंपनियों को दिया गया और कर्ज का भुगतान नहीं किया.

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