UP पंचायत चुनाव में कैसे होगा सीट निर्धारण, आज तय होंगी नीतियां

उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (UP Panchayat Election 2021) को लेकर मंगलवार को बड़ा फैसला आ सकता है. शासन 19 जनवरी को वार्डों के आरक्षण की नई नीति (Panchayat Reservation Policy) जारी कर सकती है।

जानकारी के मुताबिक, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्यों के चुनाव के लिए चक्रानुक्रम आरक्षण लागू हो सकता है. बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के निर्वाचन क्षेत्रों में आरक्षण में बदलाव देखने को मिल सकता है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में इस साल 57,207 ग्राम प्रधान चुने जाएंगे. इसके लिए आरक्षण की चक्रानुक्रम व्यवस्था लागू हो सकती है।

दरअसल, साल 2015 में किए गए आरक्षण के प्रावधान को शून्य मानकर चक्रानुक्रम में आरक्षण की व्यवस्था की गई थी. इस बार सरकार इस व्यवस्था को आगे बढ़ा सकती है।

मतलब यह है कि 2015 में जो सीट अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित थी, वह इस बार अनुसूचित वर्ग के लिए रिजर्व नहीं होगी।

इसी तरह अगर कोई ग्राम पंचायत ओबीसी सदस्य के लिए रिज़र्व थी तो इस बार पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित नहीं की जाएगी.

कैसा होगा फॉर्मूला 
इस बार आरक्षण के लिए हर ब्लॉक पर सभी वर्गों की आबादी को अंकित किया जाएगा. इसके बाद ग्राम पंचायतों की सूची तैयार की जा रही है।

इसके तहत यह ध्यान रखा जाएगा कि 1995 में कौन सी ग्राम सभा किस वर्ग के लिए आरक्षित की गई थी।

एससी और पिछड़े वर्ग के लिए प्रधानों की आरक्षित वर्ग की संख्या उस ब्लॉक में अलग-अलग पंचायतों में उस वर्ग की आबादी के के अनुपात में गिरते हुए क्रम में आवंटित की जाएगी.

नए फॉर्मूले के तहत बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के निर्वाचन क्षेत्रों में आरक्षण में भी चक्रानुक्रम की पॉलिसी अपनाई जा सकती है।

सिर्फ शर्त यह होगी की 1995 से 2015 के बीच जो भी सीट एससी और ओबीसी के लिए आरक्षित थी, वह इस बार रिज़र्व नहीं की जाएगी।

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