पंजाब कांग्रेस में हुई उठापटक से चुनाव में केजरीवाल की AAP को मिलेगा कितना फायदा?

नई दिल्ली. पंजाब में इस वक्त सियासी घमासान मचा है. कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम की कुर्सी से हटाकर (Captain Amrinder Singh Resigns) कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर से पार पाने की कोशिश में है. कांग्रेस को लग रहा है कि बीजेपी की तरह चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री बदलने से उन्हें भी फायदा मिल सकता है. हाल के दिनों में बीजेपी ने उत्तराखंड और गुजरात में नए चेहरे को सीएम के तौर पर मैदान में उतारा है. लेकिन राजनीतिक पंडितों के मुताबिक कांग्रेस की इस रणनीति का फायदा आम आदमी पार्टी (AAP) को मिल सकता है. पंजाब में अगले साल फरवरी में चुनाव होने हैं. इस बार शिरोमणि अकाली दल और BSP ने गठजोड़ किया है, जबकि किसान आंदोलन के चलते बीजेपी थोड़ी मुश्किल में दिख रही है.

साल 2017 के चुनाव में AAP प्रमुख विपक्षी दल के रूप में उभरी थी. पार्टी को 20 सीटों पर जीत मिली थी. कहा जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी कांग्रेस में अस्थिरता को भुनाने के लिए महीनों से काम कर रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि पार्टी धीरे-धीरे राज्य के बड़े हिस्से में अपना प्रचार कर रही है. पार्टी सत्ता विरोधी लहर और लोकलुभावन वादों के जरिए लोगों तक पहुंच रही है. पार्टी ने बेअदबी और पुलिस फायरिंग के मुद्दे को भी जम कर उठाया है.

आप को होगा फायदा?
पंजाब विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर आशुतोष कुमार का कहना है कि कांग्रेस में बहुकोणीय मुकाबले में आप को फायदा होगा. लेकिन पार्टी की अपनी चुनौतियां हैं. अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, ‘उनकी (आप) अपनी समस्याएं हैं. वो अभी तक लोगों को मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं दे पाए हैं. दूसरा मुद्दा ये है कि वो दिल्ली से राज्य को चलाने की कोशिश कर रहे हैं. साल 2017 में उन्हें इसका नुकसान हो चुका है.’

आप को सीएम फेस की तलाश
बता दें कि आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जून में घोषणा की थी कि पार्टी राज्य में एक सिख सीएम उम्मीदवार देगी. हालांकि पार्टी की अब तक ये तलाश पूरी नहीं हुई है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक दो बार के संगरूर सांसद भगवंत मान सीएम पद के सबसे बड़ा दावेदार हैं, लेकिन पार्टी के कुछ लोगों का कहना है कि साल 2022 में सरकार बनाने के लिए आवश्यक संख्या मिलने पर उन्हें डिप्टी सीएम बनाने की पेशकश की गई है, लेकिन उन्हें पार्टी का चेहरा बनाने को लेकर आपत्ति है.

‘आत्मघाती मिशन पर कांग्रेस’
आप की पंजाब इकाई के सह-प्रभारी राघव चड्ढा ने कहा है कि पंजाब में कांग्रेस पार्टी एक आत्मघाती मिशन पर है. उन्होंने कहा, ‘ये खुद को नष्ट कर रहे हैं. सबसे दुखद बात ये है कि पंजाब में कैप्टन, नवजोत सिंह सिद्धू और कुछ अन्य लोगों के बीच लगातार इस लड़ाई में… कांग्रेस सरकार ने कोई काम नहीं किया. अब, अगर कांग्रेस ये सोचती है कि केवल कप्तान बदलने से, वे अपने टाइटैनिक जैसे डूबते जहाज को बचा पाएंगे, तो वे गलत हैं. पंजाब के लोगों के लिए अच्छा काम करने में इतना भ्रष्टाचार और इरादे की कमी हो गई है कि अब जहाज का कप्तान बदलने से कोई फायदा नहीं होगा. पंजाब में पूरे जहाज को बदलने की जरूरत है और यहीं से आप की भूमिका आती है.’

फेल हो गई कांग्रेस?
चड्ढा के साथ आप की पंजाब इकाई के सह-प्रभारी जरनैल सिंह ने कहा, ‘सिंह का इस्तीफा कांग्रेस पार्टी द्वारा स्वीकार किया गया है कि उसकी सरकार पंजाब में पूरी तरह से विफल रही है. आज जो हुआ उसकी तैयारी कांग्रेस के भीतर लंबे समय से हो रही थी. कांग्रेस ने आज अपनी अक्षमता और विफलता पर मुहर लगा दी है. अमरिंदर सरकार के तहत काम करने वाले हर मंत्री और विधायक को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. कोरोना महामारी के समय जब कांग्रेस सरकार को पंजाब के लोगों को अपनी सेवा देनी चाहिए थी उस समय देश की सबसे पुरानी पार्टी आपस में ही लड़ रही थी.’

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