क्या है डायबिटीज के कॉम्प्लिकेशंस घटाने वाली दवा?

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डिप्रेशन को खत्म करने वाली एंटीडिप्रेसेंट दवाएं डायबिटीज के गंभीर होने का खतरा भी कम करती हैं। नई रिसर्च में वैज्ञानिकों ने कहा है कि ऐसे लोग जो डायबिटीज और डिप्रेशन से जूझ रहे हैं उनमें ये दवाएं हालत बिगड़ने से बचा सकती हैं। ये दवाएं डायबिटीज के कारण बढ़ने वाले मौत के खतरे को कम कर सकती हैं। यह दावा ताइवान के वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में किया है।

डायबिटीज के मरीजों में डिप्रेशन का खतरा

एंडोक्राइन सोसायटी के जर्नल क्लीनिकल एंडोक्राइनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में पब्लिश रिसर्च कहती है, डायबिटीज के मरीजों में डिप्रेशन होने का खतरा रहता है। इस वजह से मरीजों में डायबिटीज के कॉम्प्लीकेशन बढ़ने की आशंका भी बनी रहती है। जैसे- किडनी की बीमारी, स्ट्रोक, आंख और पैरों से जुड़ी समस्या का खतरा बना रहता है।

डायबिटीज के मरीजों में डिप्रेशन होने पर ये एक्सरसाइज से दूरी बनाने लगते हैं। शरीर के वजन में बदलाव आने लगता है और तनाव भी बढ़ने लगता है। इसलिए स्थिति गंभीर हो जाती है।

एंटीडिप्रेसेंट हालत नाजुक होने से रोक सकती है

रिसर्चर शी-हेंग वेंग का कहना है, केवल डायबिटीज होने की तुलना में दोनों रोग होने पर इंसान की सेहत ज्यादा प्रभावित होती है। ऐसे में रोजाना ली जाने वाली एंटी-डिप्रेसेंट दवा हालत नाजुक होने का खतरा घटा सकती है।

दवा और डायबिटीज के कनेक्शन को समझने के लिए रिसर्चर्स ने ताइवान में डायबिटीज और डिप्रेशन से जूझने वाले 36,276 मरीजों पर स्टडी की। रिसर्च में सामने आया कि यह मौत और हृदय रोगों का खतरा भी कम करती हैं।

यह रिसर्च ताइवान की चाइना मेडिकल यूनिवर्सिटी और नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने मिलकर की है।

अब जानिए, डायबिटीज और मेंटल डिसऑर्डर से कैसे निपटें

अपनों से बात करना न छोड़ें: घरवालों, दोस्तों, कलीग और रिश्तेदारों से दूरी न बनाएं। कॉलिंग, मैसेज, कॉन्फ्रेंसिंग की मदद से इनसे कनेक्ट रहें। डॉ. अनामिका कहती है, जब हम लोगों बात करते रहते हैं तो मन में नकारात्मक विचार कम पनपते हैं। तनाव और डिप्रेशन के मामले ज्यादातर अकेलापन महसूस करने के कारण सामने आते हैं।खुद को व्यस्त रखें: मेंटल हेल्थ को बेहतर रखने का सबसे अच्छा तरीका है, खुद को उन कामों में व्यस्त रखें जो आपको करना पसंद है। जैसे- राइटिंग, गार्डनिंग, डांसिंग, वर्कआउट आदि। घर पर रहते हुए अपनी स्किल्स को तराशें ताकि दिमाग में नेगेटिव थॉट्स की एंट्री न हो सके।म्यूजिक सुनें: म्यूजिक उदास मन में एनर्जी भरने का काम करता है। यह रिसर्च में भी साबित हो चुका है। जब कभी भी तनाव या डिप्रेशन से जूझें तो बीच-बीच में म्यूजिक सुनें। यह मन में ऐसे हैप्पी हार्मोन को रिलीज करने में मदद करता जो आपको खुश रखते हैं।हर वक्त घर में बंद रहना भी ठीक नहीं: कोरोनाकाल में पहली बार लोग इतने लम्बे समय तक घर में रहे हैं। मास्क लगातार सुबह वॉक के लिए जा सकते हैं। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें। सुबह की वॉक मन में ताजगी लाने का काम करेगी।

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