टैक्स की बात:इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 11 अक्टूबर तक 59.51 लाख करदाताओं को जारी किया टैक्स रिफंड,

ऑनलाइन चेक करें अपना रिफंड स्टेटस

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 1 अप्रैल 2021 से 11 अक्टूबर 2021 तक 59.51 लाख करदाताओं को 84,781 करोड़ रुपए का रिफंड दिया है। इसमें से 22,214 करोड़ रुपए का रिफंड पर्सनल इनकम टैक्स रिफंड के रूप में 57.83 लाख करदाताओं को दिया है। वहीं 1.68 लाख करदाताओं को 62,567 करोड़ रुपए का कॉर्पोरेट टैक्स रिफंड दिया है।

इस तरह चेक कर सकते हैं अपने रिफंड का स्टेटस

करदाता tin.tin.nsdl.com पर जा सकते हैं।रिफंड स्टेटस पता लगाने के लिए यहां दो जानकारी भरने की जरूरत है – पैन नंबर और जिस साल का रिफंड बाकी है वह साल भरिए।अब आपको नीचे दिए गए कैप्चा कोड को भरना होगा।इसके बाद Proceed पर क्लिक करते ही स्टेटस आ जाएगा।

अभी तक नहीं मिला है रिफंड तो ये हो सकते हैं इसके कारण

बैंक अकाउंट की गलत जानकारी देना
CA अभय शर्मा (पूर्व अध्यक्ष इंदौर चार्टर्ड अकाउंटेंट शाखा) कहते हैं कि हाल ही में कई बैंकों को दूसरे बैंकों में मर्ज किया गया है। ऐसे में कई बैंकों के IFSC कोड बदल गए हैं। अगर आपने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में अपने बैंक अकाउंट की जानकारी अपडेट नहीं की है तो आपका रिफंड अटक सकता है। आप घर बैठे ही https://www.incometax.gov.in/iec/foportal पर जाकर इसे अपडेट कर सकते हैं।

बैंक अकाउंट का प्री-वैलिडेट होना जरूरी
जिस बैंक खाते में इनकम टैक्स रिफंड आना है उस बैंक खाते को प्री-वैलिडेट (पहले से सत्यापित) करा लें। इनकम टैक्‍स रिटर्न (ITR) फाइल करने के बाद यदि आपका कोई रिफंड बनता है तो वह आपको इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट के सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) के जरिए मिलता है। इसके लिए जरूरी है कि आपका बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेट हो ताकि आपको रिफंड मिलने में देरी न हो।

रिटर्न वैरिफाई नहीं करने पर भी लगता है ज्यादा समय
आपने रिटर्न समय पर फाइल कर दिया, लेकिन हो सकता है कि आपने ITR का वैरिफिकेशन नहीं किया। जब तक आप वैरिफाई नहीं करेंगे, आपका रिटर्न प्रोसेस नहीं होगा। यानी, जो ITR आपने दाखिल किया है, उसको वेरीफाई करना जरूरी है। यह भी रिफंड मिलने में देरी का कारण हो सकता है।

आयकर विभाग के ईमेल का जवाब न देना
CA अभय शर्मा के मुताबिक आयकर विभाग की ओर से भेजे गए ई-मेल का जवाब न देने के कारण भी रिफंड अटक सकता है। आयकर विभाग की ओर से भेजे गए ई-मेल में करदाताओं से उनकी बकाया मांग, उनके बैंक खाते तथा रिफंड में किसी तरह के अंतर के बारे में जानकारी मांगी जाती है। इसकी जानकारी सही समय पर न देने पर भी आपका रिफंड अटक सकता है।

आमतौर पर 2 से 3 महीने में आ जाता है रिफंड
ITR प्रोसेसिंग के बाद टैक्स रिफंड आने में करीब एक महीने का समय आमतौर पर लगता है। सामान्य रूप से सेंट्रलाइज प्रोसेसिंग सेक्टर से ITR के प्रोसेसिंग को पूरा होने में 2 से 3 महीने का समय लग जाता है।

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