भंवरी के भंवर में कैसे फंसे थे महिपाल मदेरणा? मौत के बाद फिर से चर्चा में आया भंवरी देवी मर्डर केस

महिपाल मदेरणा, एक ऐसा शख्स जिनके परिवार का राजस्थान की राजनीति में अच्छा-खासा रसूख था। पिता विधानसभा अध्यक्ष रह चुके थे। वह खुद भी कई बार जोधपुर के जिलाध्यक्ष रह चुके थे। लेकिन सितंबर 2011 में सामने आए एक केस ने मदेरणा के राजनीतिक रसूख को खासा नुकसान पहुंचाया। इस केस का नाम था, भंवरी देवी मर्डर केस। इसी केस के चलते मदेरणा को जल संसाधन मंत्री की कुर्सी से हाथ धोना पड़ा था। वह भी इस केस में आरोपी भी थे, लिहाजा उनकी मौत के बाद भंवरी देवी मर्डर केस एक बार फिर चर्चा में है। आइए जानते हैं आखिर कौन थी भंवरी देवी और मदेरणा उसके भंवर में कैसे फंसे थे?

भंवरी देवी का गायब होना और मदेरणा पर शिकंजा
पूरे मामले को समझने के लिए सीधे चलते हैं सितंबर 2011 में। तब भी राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार का शासन था। इसी महीने में सबसे पहले भंवरी देवी के गायब होने की खबरें आम हुईं। यूं तो किसी का गायब होना इतनी बड़ी खबर नहीं होती, लेकिन भंवरी के मामले में ऐसा नहीं था। उसने कुछ ही दिन पहले अपने पास एक सीडी होने का दावा किया था। साथ ही यह भी कहा था कि उसकी सीडी में गहलोत सरकार के एक मंत्री और विधायक के कारनामे कैद हैं। उसका दावा था कि यह सीडी आम हुई तो तीन दिन के अंदर गहलोत सरकार गिर जाएगी।

भंवरी गायब और मदेरणा पर गहराया शक
इतना बड़ा बयान देने वाली भंवरी के गायब होने के बाद भूचाल आना तो तय था ही और भूचाल आया भी। भंवरी के गायब होने के बाद उसका पति अमरचंद पुलिस के पास पहुंचा। उसने महिपाल मदेरणा का नाम लेते हुए उनके ऊपर भंवरी के अपहरण और हत्या का शक जताया। भंवरी के सेक्स सीडी की खबरें तक तक आम हो ही चुकी थीं। बात यह भी फैली कि भंवरी के साथ उस सेक्स सीडी में महिपाल मदेरणा भी थे। मामले में इतना बड़ा नाम जुड़ने के बाद इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई। 

सीबीआई जांच और मदेरणा की कुर्सी का जाना
सीबीआई ने मामले की परत-दर-परत उधेड़नी शुरू कर दी। सीबीआई जांच का दायरा बढ़ता जा रहा था। इसके साथ ही मदेरणा पर शिकंजा भी कसता जा रहा था। एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि मदेरणा ने भंवरी के साथ रिश्ता होने की बात कबूल कर ली थी। इसके साथ ही अक्टूबर 2011 में गहलोत सरकार के मंत्री पद से मदेरणा का पत्ता कट चुका था। 
दिसंबर 2011 में सीबीआई की पहली चार्जशीट में मदेरणा का नाम था। साथ ही सीबीआई ने मदेरणा को अरेस्ट कर लिया।

कौन थी भंवरी और मदेरणा से कैसे मिली
भंवरी देवी वैसे तो वह एक नर्स थी, लेकिन उसकी ख्वाहिशें काफी बड़ी थीं। बताया जाता है कि उसको मॉडलिंग और एक्टिंग का काफी शौक था। अपने इस शौक के चक्कर में वह अपने अस्पताल की ड्यूटी से भी ज्यादातर गायब रहती थी। अफसरों तक शिकायत पहुंची तो भंवरी को सस्पेंड कर दिया गया। नौकरी बहाल कराने की गुजारिश लेकर भंवरी पहुंची तब लूनी से विधायक रहे मलखान सिंह के पास। मलखान ने उसे तत्कालीन जल संसाधन मंत्री से मिलवाया जो थे महिपाल मदेरणा। इन दोनों की सिफारिश रंग लाई और भंवरी को नौकरी वापस मिल गई। साथ ही उसके सामने खुल गया महत्वाकांक्षाओं का दरवाजा। जिसमें पहले तो भंवरी की जिंदगी तबाह हुई और फिर तमाम लोगों का पतन सुनिश्चित हुआ।

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