अडानी से लेकर मेनचेस्टर यूनाइटेड के मालिक तक दावेदारों में,

IPL की 2 नई टीमों का ऐलान आज, जानें कितना बदलेगा IPL?

IPL की दो नई टीमों का ऐलान थोड़ी देर में होगा। इसके साथ ही 2022 के IPL में कुल 10 टीमें एक-दूसरे के खिलाफ खेलती हुई दिखाई देंगी। ऐसा पहली बार नहीं होगा जब IPL में 10 टीमें होंगी, इससे पहले 2011 में हुए IPL के तीसरे सीजन भी 10 टीमें थीं। उस वक्त कोच्ची टस्कर केरला और पुणे वॉरियर्स नाम की फ्रेंचाईजी IPL का हिस्सा बनी थीं। इस बार की नई टीमें किस शहर की होंगी और इनका मालिक कौन होगा, ये आज तय हो जाएगा।

नई टीमें कौन से शहर की हो सकती है? नई टीमों के लिए कौन-कौन से दावेदार मैदान में हैं? BCCI को नई टीमों के लिए कितनी बोली लगने की उम्मीद है? नई टीमों के आने से IPL पर क्या असर पड़ेगा? खिलाड़ियों को इससे क्या फायदा होगा? आइये जानते हैं…

नई टीमें किस शहर की होंगी?

ये दो टीमें देश के किन्हीं दो शहरों के नाम पर होंगी। इसके लिए 6 शहर रेस में हैं। सबसे ज्यादा मजबूत दावेदार अहमदाबाद बताया जा रहा है। इसकी एक बड़ी वजह इसी साल अहमदाबाद में बना दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम भी है। जिसमें एक लाख से ज्यादा दर्शक बैठ सकते हैं।

अहमदाबाद लंबे समय से नई टीम की दौड़ में है। 2010 में जब 10 टीमों का IPL हुआ था तब भी अहमदाबाद रेस में था। उसके लिए बोली भी लगाई गई थी, लेकिन बाजी पुणे और कोच्चि की फ्रेंजाइजी ने मारी थी।

दूसरे शहर के रूप में लखनऊ का नाम सबसे आगे है। कहा जा रहा है कि इसके जरिए BCCI सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य में IPL को ले जाना चाहता है। इन दो शहरों के अलावा कटक, गुवाहाटी, इंदौर और धर्मशाला शहरों के नाम भी चर्चा में हैं। कुछ रिपोर्ट्स में रांची शहर को भी दावेदार बताया जा रहा है।

नई टीमों के लिए कौन-कौन से दावेदार मैदान में हैं?

दो टीमों को खरीदने के लिए कुल 22 बिजनेस घरानों ने दिलचस्पी दिखाई है। इन सभी ने बोली के डॉक्यूमेंट खरीदे हैं। बोली लगाने वालों में अडाणी ग्रुप, इंग्लिश फुटबॉल क्लब मैचेस्टर यूनाइटेड के मालिक ग्लेजर परिवार, टोरेंट फार्मा, ऑरोबिंदो फार्मा, आरपी-संजीव गोयनका ग्रुप, हिंदुस्तान टाइम्स मीडिया ग्रुप, पूर्व सांसद नवीन जिंदल की जिंदल स्टील, रॉनी स्क्रूवाला और तीन प्राइवेट इक्विटी से जुड़े लोग शामिल हैं।

एक इन्वेस्टर एक से अधिक शहरों के लिए बोली लगा सकता है। हालांकि, उसे केवल एक शहर का ही मालिकाना हक मिलेगा। बिड जीतने वालों का फैसला होने के साथ ही आज ही दोनों शहरों के नाम का भी ऐलान हो जाएगा।

रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण के भी टीम खरीदने की चर्चा थी उसका क्या?
अब तक इसे लेकर कोई कन्फर्मेशन नहीं है। ये जरूर हो सकता है कि वो दोनों में से किसी एक फ्रेंचाइजी में माइनॉर्टी स्टेक होल्डर बन जाएं या फिर उसके ब्रांड ऐंबैस्डर के तौर पर जुड़ जाएं।

मैनचेस्टर यूनाइटेड का मालिकाना हक रखने वाली ग्लेजर फैमिली ने नई टीम के लिए डॉक्युमेंट खरीदे हैं।

मैनचेस्टर यूनाइटेड के मालिक तो विदेशी है, क्या विदेशी भी बोली लगा सकते हैं?

BCCI के टेंडर में कहा गया था कि बोली लगाने वाली पार्टी की कुल प्रॉपर्टी 2.5 हजार करोड़ रुपए या उसका पिछले तीन साल का एवरेज बिजनेस 3 हजार करोड़ रुपए का होना चाहिए। इसमें विदेशी कंपनियों को भी टीम खरीदने की इजाजत दी गई है। जहां तक मैनचेस्टर यूनाइटेड के मालिक ग्लेजर फैमिली की बात है तो कहा जा रहा है कि उन्होंने एक प्राइवेट इक्विटी फर्म के जरिए फॉर्म खरीदे हैं।

नई टीमों में एक पूर्व भारतीय खिलाड़ी के भी रुचि दिखाने की बात सामने आई है। उस खिलाड़ी के बारे में कहा जा रहा है कि वह भारतीय टीम का पूर्व स्टार है और वर्ल्ड कप भी जीत चुका है। इशारा सचिन तेंदुलकर या महेंद्र सिंह धोनी की तरफ है। हालांकि इस बारे में अभी कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है। हां, इतना जरूर कहा गया है कि वह स्टार क्रिकेट टीम में आंशिक हिस्सेदारी चाहता है और टीम के क्रिकेट से जुड़े फैसले खुद लेना चाहता है।

BCCI को नई टीमों के लिए कितनी बोली लगने की उम्मीद है?

BCCI ने नई टीमों के लिए 2000 करोड़ रुपए का बेस प्राइस तय किया है। माना जा रहा है कि टीमों की नीलामी इससे कहीं अधिक रकम में होगी। BCCI को इन टीमों से 7 से 10 हजार करोड़ रुपए की कमाई होने की उम्मीद है।

BCCI ने 3 हजार करोड़ के टर्नओवर की शर्त रखी है, क्या बोली में शामिल कंपनियां इसे पूरा कर पाएंगी?

BCCI की शर्त के मुताबिक बोली लगाने वाली कंपनियों का पिछले तीन साल का टर्नओवर 3 हजार करोड़ रुपए होना चाहिए। ये रकम भले काफी बड़ी हो, लेकिन बोली में दिलचस्पी दिखाने वालों के लिए नहीं है। जैसे- अडानी ग्रुप की वेबसाइट के मुताबिक उसका मार्केट कैप 9.2 लाख करोड़ रुपए है। वहीं, नवीन जिंदल की कंपनी जिंदल स्टील का मार्केट कैप 4.12 हजार करोड़ रुपए का है। खास बात ये है कि नवीन जिंदल के भाई सज्जन जिंदल की दिल्ली कैपिटल्स में भी हिस्सेदारी है।

टीमें बढ़ने से किसे क्या फायदा होगा?

दर्शकों के लिहाज से बात करें तो आपको ज्यादा मैच देखने को मिलेंगे। दो टीमें बढ़ने से IPL में मैचों की संख्या 60 से बढ़कर 74 हो जाएगी। खिलाड़ियों के लिहाज से बात करें तो दो टीमें बढ़ने से कम से कम 45 से 50 नए खिलाड़ियों को IPL में खेलने का मौका मिलेगा। इनमें भी 30 से 35 युवा भारतीय खिलाड़ी होंगे।

ब्रॉडकास्टर के लिहाज से बात करें तो ज्यादा मैच होने के कारण उसे ज्यादा कमाई होगी। इसी वजह से BCCI को आने वाले 5 साल के लिए IPL के ब्रॉडकास्ट राइट्स के लिए रिकॉर्ड डील की उम्मीद है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक 2023 से 2027 तक 5 साल के लिए भारतीय बोर्ड को इस लीग के ब्रॉडकास्ट राइट्स के एवज में 35 से 40 हजार करोड़ रुपए तक मिल सकते हैं। BCCI ने 2018 से 2022 तक के लिए ये राइट्स 16,347.50 करोड़ रुपए में स्टार इंडिया को बेचा था।

IPL में इससे पहले कब-कब बढ़ीं टीमें?

2011 में पहली बार IPL में दो टीमें जोड़ी गई थीं। जब कोच्ची टस्कर केरला और पुणे वॉरियर्स IPL का हिस्सा बनी थीं। अगले ही साल ये टूर्नामेंट 10 से घटकर नौ टीमों का हो गया। जब कोच्ची IPL से अलग हो गई। 2012 और 2013 के IPL 9 टीमों के हुए। इसके बाद 2014 में पुणे वॉरियर्स में IPL से हट गई और ये टूर्नामेंट फिर से 8 टीमों का हो गया। 2016 में जब मैच फिक्सिंग के चलते चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स पर बैन लगा तो आखिरी बार IPL में नई टीमें शामिल की गईं। बैन के बाद दो फ्रेंचाइजी की जगह राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स और गुजरात लॉयन्स ने दो सीजन में हिस्सा लिया। जैसे ही चेन्नई और राजस्थान पर से बैन हटा तो IPL में शामिल पुणे और गुजरात को टूर्नामेंट से अलग कर दिया गया।

नई टीम आने से IPL के फॉर्मेट पर क्या असर होगा?

ऐसा पहली बार नहीं है जब IPL 10 टीमों का टूर्नामेंट होगा। 2011 में जिस मॉडल पर ये टूर्नामेंट खेला गया था उसी तरह से 2022 में भी खेला जाएगा। लीग दौर में हर टीम 7 विरोधी टीमों के खिलाफ 14 मैच खेलेगी।

हर टीम अपने ग्रुप की 4 अन्य टीमों से दो-दो मैच खेलेगी। एक मैच अपने होम ग्राउंड पर और एक मैच विरोधी टीम के मैदान पर होगा। यानी, अपने ग्रुप में कुल आठ मैच खेलने होंगे। इसके अलावा दूसरे ग्रुप की 4 टीमों के खिलाफ भी एक-एक मैच खेलना होगा। बाकी बची एक टीम के खिलाफ दो मैच खेलने होंगे। इस तरह से एक टीम कुल 14 मैच खेलेगी। इसके लिए एक ड्रॉ निकाला जाएगा। जिससे ये तय होगा कि कौन किसके खिलाफ एक बार और किसके खिलाफ दो बार खेलेगा। इस तरह लीग स्टेज में कुल 70 मैच खेले जाएंगे। नॉकआउट स्टेज मौजूदा फॉर्मेट में ही होगा। इसके लिए एलिमिनेटर, क्वॉलिफायर और फाइनल के चार मैच होंगे। यानी, टूर्नामेंट में कुल 74 मैच खेले जाएंगे।

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