आज का इतिहास:5 साल पहले कागज के टुकड़ों में बदल गए थे 500 और 1 हजार के नोट,

पूरा देश ATM के सामने लाइन में खड़ा था

तारीख – 8 नवंबर 2016। समय – रात 8 बजे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आधी रात से 500 और 1 हजार रुपए के नोट बंद हो जाएंगे। अचानक हुई इस घोषणा से उस समय बाजार में चल रही 86% करेंसी महज कागज का टुकड़ा हो गई। लोगों को अपने पुराने नोट बदलवाने के लिए 31 दिसंबर 2016 तक की समय सीमा दी गई।

पेट्रोल पंप और ATM पर लोगों की लंबी-लंबी लाइनें लग गई। देशभर में इन लाइनों में लगे 100 से ज्यादा लोगों ने दम तोड़ दिया। हालांकि, मौत के कारण कई तरह के थे, लेकिन इस पर खूब राजनीति भी हुई। उसके बाद लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए धीरे-धीरे भारतीय रिजर्व बैंक ने नई करेंसी उपलब्ध कराई।

कोलकाता की एक बैंक में पुराने नोट बदलवाने के लिए लाइन में लगे लोग।

सरकार ने नोटबंदी को काले धन के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार बताया, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट कहती है कि 99% करेंसी वापिस बैंकों में आ गई। यानी काले धन को लोगों ने असेट्स में कन्वर्ट कर लिया। कुछ हद तक डिजिटल पेमेंट्स में बढ़ोतरी आई जरूर, लेकिन कुछ समय बाद वह भी कैश इकोनॉमी में कन्वर्ट होती गई। इनकम टैक्स में जरूर एक साल बढ़ोतरी दिखी और टैक्सपेयर्स भी बढ़े, लेकिन कलेक्शन पर उसका बहुत ज्यादा असर नहीं दिखा।

नोटबंदी की वजह से GDP ग्रोथ रेट जरूर घट गया था। आर्थिक विकास दर घटकर 5% के आसपास रुक गई थी। कुछ महीने के लिए कारोबारी गतिविधियां ही थम गई थीं। नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार ने GST लागू कर दिया। कारोबारियों, खासकर MSMEs की हालत खराब हो गई। नोटबंदी के बाद से बेपटरी हुई भारतीय इकोनॉमी पटरी पर आने के लिए संघर्ष कर रही है। कोविड-19 ने भारतीय कारोबारियों की समस्याओं को और बढ़ा दिया है।

1895: रोन्टजन ने दुनिया का पहला एक्स-रे लिया

आज एक्स-रे की बात करें तो बच्चे-बच्चे को पता है कि यह क्या होता है और क्यों किया जाता है। हड्डियों के टूटने से लेकर अंदरुनी हिस्सों की टूट-फूट देखने के लिए X-रे निकाला जाता है। इसकी खोज का किस्सा भी दिलचस्प है। जर्मनी के प्रोफेसर विल्हन कॉनरैड रोन्टजन ने 1895 में इसकी खोज की थी।

विल्हन कॉनरैड का लिया गया पहला एक्स-रे।

विल्हम कैथोड रेडिएशन से प्रयोग कर रहे थे। उन्हें महसूस हुआ कि X-रे इंसानी टिश्यू के पार निकल जाता है। दरअसल, उनकी पत्नी बर्था का हाथ बीच में आ गया था। इम्प्रेशन में उनकी सिर्फ हड्डियां दिखी थी। जब इस बारे में और प्रयोग किए तो विल्हम अज्ञात किरणों तक पहुंचे, जिनकी वजह से यह प्रिंट निकला था। इन अज्ञात किरणों का नाम उन्होंने X-रे रखा गया। इस खोज के लिए रोन्टजन को 1901 में फिजिक्स का नोबेल प्राइज दिया गया।

8 नवंबर के दिन को इतिहास में और किन-किन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से याद किया जाता है…

2016: अमेरिका राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप ने जीत दर्ज की।

2008ः भारत का पहला मानव रहित अंतरिक्ष मिशन चन्द्रयान-1 चन्द्रमा की कक्षा में पहुंचा।

1999ः राहुल द्रविड़ और सचिन तेंडुलकर ने वन-डे क्रिकेट मैच में 331 रन की साझेदारी कर विश्व रिकॉर्ड बनाया।

1998ः बांग्लादेश में पहले प्रधानमंत्री शेख मुजीब-उर-रहमान की हत्या के मामले में 15 लोगों को मौत की सजा।

1972: होम बॉक्स ऑफिस (HBO) लॉन्च हुआ, जो अमेरिका का सबसे पुराना पेड TV चैनल है।

1956ः संयुक्त राष्ट्र ने सोवियत संघ से यूरोपीय देश हंगरी से हटने की अपील की।

1939ः एडोल्फ हिटलर की हत्या के लिए टाइम-बम लगाया था। किस्मत से हिटलर बच गया।

1929ः भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का जन्म।

1920ः भारत की प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना सितारा देवी का जन्म।

1829: ईस्ट इंडिया कंपनी के गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिक ने सती प्रथा खत्म करने की पहल की।

1627: मुगल शासक जहांगीर का निधन।

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