आज का इतिहास:भाजपा के पितृ पुरुष दीनदयाल उपाध्याय की जयंती आज,

53 साल बाद भी नहीं सुलझा उनकी मौत का रहस्य

भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य दीनदयाल उपाध्याय का जन्म आज ही के दिन 1916 में हुआ था। बहुत ही कम उम्र में उनके माता-पिता का देहांत हो गया था। इन मुश्किल हालात में उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की और इसी दौरान 1937 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े।

जब 1951 में श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने संघ की मदद से भारतीय जनसंघ बनाया तो संघ ने संगठन का काम देखने उपाध्याय को राजनीति में भेजा। 1953 में श्यामाप्रसाद मुखर्जी के निधन के बाद पंडित दीनदयाल के कंधों पर जनसंघ की सभी जिम्मेदारियां आ गई थीं। 15 साल जनसंघ के महामंत्री रहते हुए उन्होंने पार्टी की जड़ें मजबूत कीं। विचारधारा को आगे बढ़ाया और जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। 1967 में उपाध्याय ने पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर कामकाज संभाला।

10 फरवरी 1968 को दीनदयाल लखनऊ से पटना जाने के लिए सियालदाह एक्सप्रेस में बैठे थे। ट्रेन रात करीब 2 बजे मुगलसराय स्टेशन पहुंची, लेकिन उसमें दीनदयाल उपाध्याय नहीं थे। स्टेशन के नजदीक उनकी लाश पड़ी मिली। उनकी मौत का कारण आज भी रहस्य बना हुआ है।

दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। तस्वीर 2017 की है।

1920: सतीश धवन का जन्म हुआ

आज भारत चंद्रयान, मंगलयान के जरिए दुनिया के दिग्गज अंतरिक्ष विशेषज्ञ देशों में शामिल है तो इसका बड़ा श्रेय प्रोफेसर सतीश धवन को जाता है। उनका जन्म आज ही के दिन 1920 में हुआ था। प्रोफेसर धवन ने विक्रम साराभाई के बाद 1972 में इसरो प्रमुख का पद संभाला। उन्हें भारत में प्रायोगिक फ्लूड डायनमिक्‍स रिसर्च का पितामह माना जाता है।

भारत की पहली सुपरसॉनिक विंड टनल IISc बेंगलुरू में लगाने का श्रेय उन्‍हें जाता है। धवन ने ही INSAT, IRS और PSLV के रिमोट सेंसिंग और उपग्रह संचार कार्यक्रम का काम संभाला। भारतीय उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र श्री हरिकोटा को अब प्रोफेसर सतीश धवन स्‍पेस सेंटर के नाम से जाना जाता है।

1992: नासा ने लॉन्च किया था मार्स ऑर्बिटर

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने 1992 में आज ही के दिन मार्स ऑर्बिटर लॉन्च किया था। इस रोबोटिक स्पेस प्रोब का मिशन मार्स यानी मंगल ग्रह की छानबीन करना था।

नासा का मार्स ऑर्बिटर।

हालांकि एक साल बाद इस मिशन से सभी तरह का कम्युनिकेशन खत्म हो गया। इस मिशन की नाकामी के बाद भी नासा ने मार्स ग्लोबल सर्वेयर (1996), फीनिक्स (2007) लॉन्च किए।

25 सितंबर के दिन को इतिहास में इन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से भी याद किया जाता है…

2015ः सिंगापुर में प्रदूषण की वजह से स्कूलों को बंद करना पड़ा।

2014ः मैनहट्टन फेडरल कोर्ट में अमेरिकन जस्टिस सेंटर ने गुजरात के 2002 के दो अनाम दंगा पीड़ितों की ओर से मुकदमा किया। इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी अमेरिका यात्रा से ठीक एक दिन पहले मानव अधिकार उल्लंघनों पर जवाब देने के लिए समन भेजा गया था। मोदी 2002 में गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

2008ः भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की यूएन में मुलाकात। दोनों देश शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए राजी हुए।

2008ः चीन ने अंतरिक्ष यान ‘शेंझो-7’ का प्रक्षेपण किया।

1911ः फ्रांसीसी युद्धपोत लिब्रीटे में टूलॉन हार्बर पर विस्फाेट से 285 लाेगों की मौत।

1897ः ब्रिटेन में पहली बस सेवा की शुरुआत हुई।

1846ः अमेरिकी सेना ने मैक्सिको के मोंटेरी पर कब्जा किया।

1639ः अमेरिका में पहले प्रिंटिंग प्रेस की शुरुआत।

1524ः वास्कोडिगामा आखिरी बार पुर्तगाल के वायसराय बनकर भारत आए।

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