हाथरस कांड: पीएफआई के मास्टरमाइंड समेत चारों को एटीएस ले गई लखनऊ

मथुरा। यमुना एक्सप्रेसवे पर मांट टोल प्लाजा पर पकड़े गए चारों संदिग्धों के पास से जो साहित्य और दस्तावेज मिले हैं, उनके आधार पर ये मास्टरमाइंड हाथरस में सांप्रदायिक और जातीय दंगा भड़काने के लिए रणनीतिकार की भूमिका निभा रहे थे। मथुरा पुलिस ने उनके मंसूबे कामयाब नहीं होने दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक एटीएस इन चारों लोगों को अपने साथ लखनऊ ले गई है, जहां उनसे गहन पूछताछ की जायेगी।

गौरतलब हो कि बीतीरात सुरक्षा एजेंसियों की गोपनीय सूचना पर मथुरा की सुरक्षा एजेंसी पुलिस ने यमुना एक्सप्रेस वे से चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गये संदिग्ध स्विफ्ट डिजायर गाड़ी में सवार थे। इनका संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) एवं उसके सहसंगठन कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) से पाया गया है।

पुलिस ने तलाशी के दौरान इनके कब्जे से मोबाइल, लैपटॉप एवं संदिग्ध साहित्य जो शांति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है बरामद किया है। पकड़े गए युवको में मुजफ्फरनगर का अतीकर्रहमान, मल्लपुरम का सिद्दीक, बहराइच का मसूद अहमद और रामपुर का आलम शामिल है। इन चारों के पास से जो साहित्य मिला है, दरअसल वह एक तरह से कोचिंग गाइड की तरह है और कोचिंग भी ऐसी वैसी नहीं, दंगों को अंजाम देने के लिए दी जाने वाली थी।

इस साहित्य में दंगाइयों के लिए बताया गया था कि दंगा करने के दौरान उनको क्या-क्या करना चाहिए और क्या क्या नहीं। साहित्य में लिखा था कि मास्क पहनकर बवाल करने से आंसू गैस असर नहीं करेगी और ना ही पहचान उजागर होगी। कैसे लोगों का ब्रेनवाश करना है, कैसे लोगों को भड़काना है। इस सबके निर्देश बाकायदा उस तथाकथित साहित्य में दर्ज थे।

सूत्रों के मुताबिक एटीएस इन चारों लोगों को अपने साथ लखनऊ ले गई है, जहां उनसे गहन पूछताछ की जा रही है।

एसपी देहात श्रीश चंद्र के अनुसार संदिग्ध गतिविधियां लगने पर इन चार युवकों को गिरफ्तार किया है। ये कार से हाथरस जा रहे थे। इनके कब्जे से मोबाइल, लैपटॉप एवं संदिग्ध साहित्य (शांति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला) प्राप्त हुआ है। पूछताछ में पता चला है कि इन युवकों का संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) एवं उसके सहसंगठन कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) से है।

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