BJP प्रदेश अध्यक्ष और फेमस सिंगर के खिलाफ गैंगरेप का केस, कसौली के होटल में नशीली चीजें पिलाकर दुष्कर्म

हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली और गायक रॉकी मित्तल एक बार फिर से गंभीर आरोपों के घेरे में हैं। सोलन जिला एवं सत्र न्यायालय ने उनके खिलाफ दर्ज गैंगरेप केस को फिर से खोलने की अनुमति दे दी है। यह फैसला उस पीड़िता की अर्जी पर आया है, जिसने पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती देते हुए न्याय की गुहार लगाई थी। कोर्ट ने केस को 30 जुलाई 2025 की तारीख तय करते हुए अगली सुनवाई का मौका दिया है।
क्या है पूरा मामला: होटल में गैंगरेप का आरोप
इस केस की शुरुआत 13 दिसंबर 2024 को हुई थी, जब 28 वर्षीय महिला ने आरोप लगाया कि 3 जुलाई 2023 को कसौली (हिमाचल प्रदेश) के एक होटल में उसके साथ BJP नेता मोहनलाल बड़ौली और रॉकी मित्तल ने गैंगरेप किया। महिला का दावा है कि उसे जबरन नशीली चीजें पिलाई गईं, फिर उसके साथ दुष्कर्म किया गया और इसका वीडियो भी बनाया गया।
पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट: सबूत नहीं मिलने का दावा
मामले की जांच के बाद पुलिस ने 12 मार्च 2025 को कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें कहा गया कि आरोपों की पुष्टि करने वाले सबूत नहीं मिले। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि:
- CCTV फुटेज उपलब्ध नहीं था।
- मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हो सकी।
- होटल के स्टाफ से पूछताछ में कुछ स्पष्ट नहीं मिला।
इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने केस को बंद करने की सिफारिश की थी।
पीड़िता की अर्जी: जांच में अनदेखी और पक्षपात का आरोप
पीड़िता ने सोलन जिला न्यायालय में याचिका दाखिल कर कहा कि पुलिस ने उसकी बात सुने बिना ही क्लोजर रिपोर्ट बना दी। उसने आरोप लगाया कि:
- उसे जांच प्रक्रिया से बाहर रखा गया।
- कई महत्वपूर्ण गवाहों और सबूतों की अनदेखी की गई।
- जांच पूरी तरह से एकतरफा थी।
याचिका में यह भी कहा गया कि उसे धमकियां दी गईं, जिससे वह पहले कोर्ट में पेश नहीं हो सकी।
सोलन कोर्ट का आदेश: 30 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
महिला की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सोलन जिला एवं सत्र न्यायालय ने माना कि उसे न्याय का अवसर दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने केस की दोबारा सुनवाई को मंजूरी दी और अगली सुनवाई की तारीख 30 जुलाई 2025 तय की। इस दिन पीड़िता कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी और क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज करेगी।
आरोपियों की प्रतिक्रिया: साजिश और बदनाम करने का दावा
दोनों आरोपियों ने शुरू से ही आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
- मोहनलाल बड़ौली ने इसे पूरी तरह से राजनीतिक साजिश करार दिया है।
- रॉकी मित्तल ने कहा कि यह मामला एक हनीट्रैप और ब्लैकमेलिंग का हिस्सा है।
रॉकी मित्तल ने पीड़िता पर पैसे ऐंठने की कोशिश का आरोप भी लगाया और कहा कि महिला के खिलाफ पहले से एक्सटॉर्शन का केस दर्ज है।
मेडिकल, सोशल मीडिया और धमकियों का पहलू
पीड़िता ने दावा किया कि:
- उसने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर अपनी बात रखने की कोशिश की।
- वीडियो में उसने रेप की जानकारी साझा की थी।
- वीडियो पोस्ट करने के बाद उसे जान से मारने की धमकी मिली।
महिला ने कोर्ट से मांग की है कि वह सभी आरोपियों का नार्को टेस्ट और पॉलीग्राफ टेस्ट कराए, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
राजनीतिक और सामाजिक असर: सवालों के घेरे में कानून व्यवस्था
यह मामला ना सिर्फ कानूनी बल्कि राजनीतिक रूप से भी बेहद संवेदनशील है। एक तरफ राज्य का सत्ताधारी दल अपने प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ गंभीर आरोपों पर घिरा हुआ है, वहीं दूसरी ओर एक महिला न्याय की तलाश में सिस्टम से लड़ रही है। इस केस का असर हरियाणा की राजनीति, BJP की छवि और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर गहरा पड़ सकता है।
अब आगे क्या?
- 30 जुलाई 2025 को कोर्ट में अगली सुनवाई।
- पीड़िता का बयान और सबूतों की समीक्षा के बाद कोर्ट तय करेगा कि केस दोबारा खुलेगा या नहीं।
- यदि कोर्ट क्लोजर रिपोर्ट खारिज करता है, तो आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए जा सकते हैं।
न्याय की राह आसान नहीं, लेकिन अभी उम्मीद बाकी है
हरियाणा के इस हाई प्रोफाइल केस में जहां एक ओर सत्ता और रसूख का प्रभाव नजर आता है, वहीं दूसरी ओर एक महिला की लड़ाई न्याय और सत्य के लिए जारी है। कोर्ट का यह फैसला इस दिशा में पहला मजबूत कदम है, लेकिन आगे की राह भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं है।