ऐप बताएगा हिमाचल में कहां हुआ भूस्खलन:NIT हमीरपुर कर रहा तैयार,

राहत और बचाव कार्य करने वाली एजेंसी को तुरंत मिलेगाी सूचना

एनआईटी हमीरपुर तैयार करेगा मोबाइल ऐप

हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और अन्य आपदाओं का रियल टाइम डाटा एकत्र करने के लिए NIT हमीरपुर के विशेषज्ञ मोबाइल ऐप तैयार कर रहे हैं। मोबाइल ऐप के माध्यम से डाटा एकत्र कर आने वाले दिनों में वॉर्निंग सिस्टम आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस के आधार पर ऑपरेट किया जाएगा। ऐप में ऐसे फीचर शामिल होंगे जिनसे आने वाले दिनों में सैटेलाइट डाटा के आधार पर एरिया की मैपिंग हो सकेगी। भू-स्खलन होने पर सैटेलाइट इमेज के आधार पर कारणों के संबंध में शोध संभव हो सकेगा। मोबाइल ऐप भू-स्खलन होने पर तुरंत राहत और बचाव कार्य करने वाली एंजेसियों को सूचना देगी।

हिमाचल प्रदेश सरकार की एंजेसी कॉउसिंल फॉर साइंस, टेक्नोलॉजी एंड एनवायरमेंट ने यह प्रोजेक्ट NIT को सौंपा है। शोध कार्य पर कई लाख रुपये का खर्चा आएगा। इस ऐप को ऐसे डिजाइन किया जा रहा है कि पर्यटकों और आम लोगों को तुरंत और आवश्यक जनकारी मिल सके। भू-स्खलन के कारण किस एरिया में कौन सी सड़क बाधित है और उनके पास कौन सा वैकल्पिक मार्ग मौजूद हैं। सिटीजन अथवा मॉडर्न साइंस के आधार पर शोध कार्य आगे बढ़ाया जा रहा है। ऐप को महज भू-स्खलन के अपडेट तक सीमित न रखकर अन्य आपदाओं के डाटा को शामिल करने की संभावनाओं को खुला रखा जाएगा।

बाहर से आने वाले सैलानियों के लिए होगी लभादायक।

बरसात में बाधित रहती हैं सड़कें
बरसात के सीजन में हिमाचल में अक्सर भू-स्खलन के कारण सड़कें बाधित रहती हैं। इस दौरान अपुष्ट सूचनाएं लगातार सोशल मीडिया पर फैलती हैं और लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है। आधिाकारिक या सही सूचना न मिलने के कारण स्थानीय लोगों के साथ-साथ प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को खासी दिक्कत आती है। वह लोग भी परेशान होते हैं जो अनजान क्षेत्रों में यात्रा कर रहे होते हैं। राहत एवं बचाव कार्य करने वाली एंजेसियों को तो मोबाइल ऐप अलर्ट देगा।

जाम की जानकारी, वैकल्पिक मार्गों का ब्योरा मिलेगा
ऐप के जरिये भू-स्खलन के बाद लगने वाले जाम और वैकल्पिक मार्गों की जानकारी लोगों तक पहुंचेगी। कई दफा जाम में एंबुलेंस फंस जाती है और इससे मरीजों की जान पर भी बन आती है। ऐसे में यह मोबाइल ऐप न सिर्फ जाम का अलर्ट देगी बल्कि वैकल्पिक रास्ते भी सुझाएगी। वहीं जाम खोल यातायात बहाल करने के काम करने वाली एंजेसियां भी ऐप से तुरंत रियल टाइम अपडेट रहेंगी।

भू-स्खलन की घटनाओं की स्टडी होगी संभव
मोबाइल ऐप से हिमाचल में भू-स्खलनों के कारणों की स्टडी करने में विशेषज्ञो को मदद मिलेगी। इसके रियल टाइम डाटा के आधार पर लोकेशन स्टडी हो सकेगी। डाटा एकत्र होने के बाद पता चल सकेगा कि किस क्षेत्र में किस समय घटनाएं सामने आ आ रही हैं। एक ओर जहां अलर्ट मिलेगा तो दूसरी ओर डाटा बैंक भी तैयार होगा, जो भविष्य में शोध के लिए मददगार साबित होगा।

NIT हमीरपुर के सिविल विभाग के प्रोफेसर डॉ.चंद्र प्रकाश।

लोग भी दे सकेंगे अपडेट के लिए इनपुट
NIT हमीरपुर के सिविल विभाग के प्रोफेसर डॉ. चंद्र प्रकाश ने बताया कि हिमाचल प्रदेश कॉउसिंल फॉर साइंस, टेक्नोलॉजी एंड एनवायरमेंट ने यह प्रोजेक्ट सौंपा है। इसमें टीम के साथ कार्य कर रहे हैं। ऐप को बनाने के पीछे मकसद यही है कि लोगों को रियल टाइम अपडेट मिले और लोग अफवाहों में फंसने की बजाय सही सूचनाओं से सजग रहें। अलर्ट सिस्टम के साथ ही ऐप में लोगों की तरफ से भी अपडेट देने का फीचर भी शामिल किया जाएगा। संबंधित एंजेसियां इन अपडेट पर चेक रखेंगी और रियल टाइम अपडेट से राहत और बचाव कार्य को गति मिलेगी।

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