अनोखा दृश्य: काशी में गुरु पूर्णिमा पर मुस्लिम महिलाओं ने ली दीक्षा.. जगद्गुरु बालकदास महाराज उतारी आरती

गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर उत्तर भारत के मंदिरों, मठों और आश्रमों में श्रद्धा, आस्था और भक्ति का महासंगम देखने को मिला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में गुरु और शिष्य दोनों की भूमिका निभाई, तो वहीं मथुरा में संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए देशभर से एक लाख से अधिक भक्त उमड़े। वाराणसी में मुस्लिम समुदाय के 151 लोगों ने हिंदू परंपरा में गुरु दीक्षा लेकर सामाजिक समरसता की मिसाल पेश की।

योगी आदित्यनाथ ने निभाई शिष्य और गुरु दोनों की भूमिका

गुरु पूर्णिमा पर गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले शिष्य की भूमिका में गोरखनाथ मंदिर में शिव अवतारी महायोगी गुरु गोरखनाथ की आराधना की और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। इसके बाद उन्होंने अपने गुरु राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ महाराज, श्रीश्री योगिराज गंभीरनाथ महाराज और ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की।

इसके पश्चात योगी आदित्यनाथ ने गुरु की भूमिका में अपने शिष्यों और गोरक्षपीठ के श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। गोरखनाथ मंदिर में इस अवसर पर भक्तों की भारी भीड़ जुटी रही।

मथुरा में प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए उमड़ी लाखों की भीड़

गुरु पूर्णिमा पर मथुरा के वृंदावन में स्थित श्री कृष्ण शरणम् आश्रम से संत प्रेमानंद महाराज की झलक पाने के लिए देशभर से एक लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। सुबह 4 बजे से ही भक्तों की कतारें लग गईं। देर रात महाराज जब अपने निवास से आश्रम की ओर निकले तो रास्ते में ढोल, नगाड़े और डमरुओं की धुन पर शिष्यों ने फूल बरसाकर उनका भव्य स्वागत किया।

करीब 2 किलोमीटर लंबे मार्ग को फूलों से सजाया गया था। पूरे मार्ग पर शिष्य दोनों ओर खड़े होकर महाराज के दर्शन और आशीर्वाद की प्रतीक्षा करते रहे। यह दृश्य आध्यात्मिक भक्ति की चरम सीमा का प्रतीक बन गया।

वाराणसी में मुस्लिम समुदाय ने ली गुरु दीक्षा

काशी के पातालपुरी मठ में एक अद्भुत दृश्य तब सामने आया जब मुस्लिम समुदाय के 151 लोगों ने जगद्गुरु बालकदास महाराज से हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार गुरु दीक्षा ली और आरती उतारी। बालकदास महाराज ने बताया कि ये लोग वर्षों से गुरु परंपरा में श्रद्धा रखते हैं और अपने पूर्वज श्रीराम को मानते हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञान और शांति की प्राप्ति में धर्म, जाति, पंथ कोई बाधा नहीं होती।

अयोध्या में सरयू स्नान और राम मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

अयोध्या में भोर होते ही हजारों श्रद्धालु सरयू नदी में स्नान करने पहुंचे। इसके बाद भक्तों ने नागेश्वरनाथ महादेव का जलाभिषेक किया। राम मंदिर, हनुमानगढ़ी और शहर के एक हजार से अधिक मंदिरों में दिनभर पूजा-पाठ और भंडारे का आयोजन हुआ। संत-महंतों ने अपने गुरुओं का पूजन कर भक्तों को आशीर्वाद दिया।

लाखों श्रद्धालुओं ने लिया गंगा स्नान, उत्सव का माहौल

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर वाराणसी में लाखों श्रद्धालु गंगा तट पर पहुंचे और स्नान कर अपने गुरुओं का पूजन किया। घाटों पर सुबह से ही पूजा, यज्ञ और भजन की ध्वनि गूंज रही थी। गंगा घाटों पर गुरु शिष्य परंपरा की जीवंत झलक देखने को मिली।

गुरु भक्ति से सजी धर्मभूमि, सामाजिक एकता का संदेश

गुरु पूर्णिमा 2025 उत्तर भारत के लिए केवल एक धार्मिक पर्व नहीं रहा, बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक समरसता का अनूठा उदाहरण बन गया। जहां एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु परंपरा की मिसाल कायम की, वहीं संत प्रेमानंद महाराज और जगद्गुरु बालकदास महाराज ने लाखों लोगों को आशीर्वाद देकर भारत की गुरुकृपा परंपरा को जीवंत बनाए रखा।

 

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